सुबह शुरू हो गया था निरीक्षण

इमरजेंसी में बने ट्रॉमा सेंटर का निरीक्षण स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से आई दो सदस्यीय टीम ने सुबह से स्टार्ट कर दिया था। निरीक्षण के दौरान हर मशीन की जांच की गई, यहां मौजूद हर सुविधा को देखा गया। स्टाफ की जानकारी मांगी गई। एसएन के प्राचार्य से सारे जरूरी कागजात मांगे गए।

टीम ने दिए कुछ निर्देश

सारी व्यवस्थाओं से संतुष्ट नजर आ रही टीम ने जाते-जाते प्रिंसीपल डॉ। अजय अग्रवाल को कुछ जरूरी दिशा-निर्देश दे गए। टीम के सदस्यों का कहना था कि अगर इस ट्रॉमा सेंटर में ही आईसीयू बना दिया जाए तो काफी फायदा होगा। इसके लिए सर्जरी विभाग के आईसीयू को ट्रॉमा सेंटर में शिफ्ट करने की बात कही गई। एयर कंप्रेसर मंगाने को कहा गया, इससे ऑक्सीजन की खपत कम हो जाएगी। एक एक्सरे मशीन और एक टेक्नीशियन रखने को भी कहा गया।

अब पैसे आने की संभावना हो गई प्रबल

इस बारे में प्रिंसीपल डॉ। अजय अग्रवाल का कहना था कि सारी कमियों को दूर करते ही और उनके दिए निर्देशों को पूरा करते ही ट्रॉमा सेंटर के लिए रूका हुआ पैसा रिलीज कर दिया जाएगा। ट्रॉमा सेंटर में चार फैकल्टी मेंबर्स, दो टेक्नीशियन, 24 नर्सेज व सफाई कर्मचारी रखे जाएंगे.  ट्रॉमा सेंटर का निरीक्षण करने आई टीम में सफदरजंग हॉस्पीटल, नई दिल्ली के वरिष्ठ एनेस्थेटिक डॉ। गोगिया व स्वास्थ्य मंत्रालय से डॉ। तनु जैन थीं।