- मच्छर जनित बीमारियों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग चला रहा महाभियान

- मानसून करीब फिर भी शहर से लेकर रूरल एरियाज में नहीं हो सकी है फॉगिंग

- अभी जगहें ही नहीं हो सकीं चिन्हित, जिला अस्पताल में दवाएं भी पूरी नहीं

GORAKHPUR: शहर में डेंगू व मलेरिया जैसे मच्छर जनित रोगों की रोकथाम के लिए चले महाभियान के नाम पर स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों ने केवल खानापूर्ति ही की है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि बीमारी से बचाव के लिए दवा छिड़काव आदि कार्यो को लेकर बरता गया लचर रवैया कह रहा है। हाल ये है कि बरसात का मौसम करीब है फिर भी विभिन्न एरियाज में छिड़काव तो छोडि़ए अभी सर्वे ही नहीं पूरा किया जा सका है। वहीं, जिला अस्पताल में जरूरी दवाओं की भी समुचित व्यवस्था अभी तक नहीं हो सकी है। ये हाल तब जब पिछले साल सिटी से लेकर रूरल एरियाज में डेंगू ने इस कदर प्रकोप मचाया था कि स्वास्थ्य विभाग के भी हाथ-पांव फूल गए थे।

बस नाम का महाभियान

पिछले साल गोरखपुर और आसपास एरियाज में डेंगू का प्रकोप फैला था। इस दौरान 1105 लोगों की जांच कराई गई जिसमें 168 में डेंगू की पुष्टि हुई थी। इसे देखते हुए शासन ने इस बार बरसात से पहले बीमारियों की रोकथाम के पूरे इंतजाम करने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिया। जिसपर स्वास्थ्य विभाग की ओर से महाभियान चला। जिसके तहत बीमारी संभावित एरियाज का आशाओं द्वारा सर्वे करने के बाद बरसात के पहले ही फॉगिंग कराई जानी थी। लेकिन जिम्मेदारों ने इस कार्य को गंभीरता से नहीं लिया। इसी का नतीजा है कि मानसून दस्तक देने को है लेकिन ज्यादातर एरियाज में उभी तक सर्वे ही पूरा नहीं किया जा सका है।

बचाव का पता ही नहीं

डेंगू का मच्छर एक बार में तकरीबन दो सौ से अधिक अंडे देता है। अंडे से लार्वा पैदा होने का चक्र काफी समय तक चलता है। ऐसे में एक बार छिड़काव करने से असर नहीं होता है। इसलिए जो स्थान चिन्हित होते हैं वहां दो से तीन बार दवाओं का छिड़काव कराया जाना चाहिए। जुलाई से लेकर नवंबर तक पानी के ठहराव को देखते हुए डेंगू के प्रकोप की संभावनाएं अधिक रहती है। इसलिए शासन ने सभी जिलों के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े जिम्मेदारों को मई से ही तैयारी करने को कहा था। लेकिन बीमारी से प्रभावित रहे शहर के ज्यादातर हिस्सों में अभी तक एक बार भी छिड़काव नहीं हो सका है।

2016 मे डेंगू मरीजों की संख्या

कुल मरीज 1105

डेंगू की पुष्टि 168

नोट - ये स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े हैं

वर्जन

मच्छर जनित बीमारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अपनी ओर से तैयारियां पूरी कर ली हैं। दवाएं भी मंगाई जा रही हैं। जो भी कमियां हैं उन्हें दूर करने का निर्देश दिया गया है।

- डॉ। रवींद्र कुमार, सीएमओ गोरखपुर