-हेल्थ डिपार्टमेंट ने जारी की रिपोर्ट

-बागबेड़ा क्षेत्र में डायरिया से चार लोगों की मौत की कही गई है बात

-अन्य लोगों की मौत जेई, मलेरिया और अन्य बीमारियों से हुई

JAMSHEDPUR : बागबेड़ा में डायरिया, मलेरिया और जापानी इंसेफ्लाइटिस के प्रकोप के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट भी गंभीर होता दिखाई दे रहा है। मंगलवार को जुगसलाई स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ। पीके साहू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया। इस दौरान क्षेत्र में साफ-सफाई की व्यवस्था को लेकर विशेष इंतजाम किए जाने की बात कही गई।

विशेष रणनीति के तहत होगा काम

डॉ। साहू ने कहा कि बागबेड़ा क्षेत्र में जगह-जगह पर गंदगी, पानी का जमाव, पीने की पानी की समस्या सहित अन्य समस्या से जूझ रहा है। इस वजह से वहां की जानता नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर है और तरह-तरह के संक्रमित बीमारियों के चपेट में आ रही है। डॉ। पीके साहू का मानना है कि अगर सफाई और स्वच्छता पर लोग गंभीरता से अमल करें, तो इंफेक्शन और बेक्टीरिया से होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए विशेष रणनीति पर कार्य किया जा रहा है। अभियान की शुरुआत दो दिसंबर के बाद होगी। इसे सफल बनाने के लिए वहां के ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों को जोड़ा जाएगा, ताकि युद्ध स्तर पर अभियान संचालित हो सके।

जेई, मलेरिया बन रहा खतरा

डॉ। पीके साहू ने डिपार्टमेंटल रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि डायरिया से चार लोगों की मौत हुई है, बाकि पीडि़तों की मौत जापानी इंसेफ्लाइटिस, मलेरिया व समान्य बीमारी से हुई है। हलांकि उसकी जांच भी चल रही है। उन्होंने जापानी इंसेफ्लाइटिस व मलेरिया होने की आशंका व्यक्त की है। इलाके में मच्छरों का काफी प्रकोप है। वहीं, आंगन व घर के बाहर सुअर भी पाले गए हैं।

की गइर् फॉगिंग

हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से जटा झोपड़ी, सोमाय झोपड़ी सहित अन्य क्षेत्रों में फॉगिंग और डीडीटी का छिड़काव किया गया। फाइलेरिया पदाधिकारी डॉ। एके लाल ने बताया कि समस्या के समाधान के लिए स्थाई व्यवस्था करनी होगी, क्योंकि फॉगिंग व डीडीटी एक सीमित समय तक ही असर करता है। छिड़काव के दौरान घर-घर में लार्वा मिले हैं, जो कि जानलेवा साबित हो सकते हैं। वहीं, जटा झोपड़ी में कुल ख्7 और सोमाय झोपड़ी में 97 लोगों की जांच की गई। इनमें तीन लोगों की स्थिति गंभीर होने पर उन्हें सदर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।