- डेंगू का डर दिखाकर मरीजों को लगा रहे चूना

- प्राइवेट पैथोलॉजी में जमकर हो रही जांच

ALLAHABAD: जी हां, यह हकीकत है। मानसून आते ही प्राइवेट हॉस्पिटल्स और पैथोलॉजी की मिलीभगत से मरीजों के साथ डेंगू के नाम पर खेल शुरू हो गया है। तेज बुखार और कमजोरी का डर दिखाकर पहले जांच कराई जा रही है और फिर प्लेटलेट्स की एक्स्ट्रा डोज दी जा रही है। उधर, हेल्थ डिपार्टमेंट का कहना है कि प्राइवेट में होने वाली डेंगू की जांच मान्य नहीं है। मरीजों को एमएलएन मेडिकल कॉलेज में ही जांच करानी चाहिए।

ख्00 रुपए तक लिए जाते हैं

तेज बुखार और कमजोरी की शिकायत के मरीजों को फटाफट प्लेटलेट्स की जांच के लिए भेजा जा रहा है। दो सौ रुपए तक होने वाली इस जांच की रिपोर्ट के आधार पर डेंगू घोषित कर दिया जाता है। इसके बाद प्लेटलेट्स चढ़ाने का सिलसिला शुरू होता है। इतने में मरीज के हजारों रुपए खर्च हो जाते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि बॉडी में थोड़ी-बहुत प्लेटलेट्स कम होने का मतलब ये नहीं कि डेंगू हो गया है। इसकी पुष्टि के लिए सही जगह जांच करानी चाहिए।

वायरल फीवर और मलेरिया में भी कम हो जाती हैं प्लेटलेट्स

डॉक्टर्स की मानें तो बॉडी में प्लेटलेट्स की संख्या में कमी मलेरिया और वायरल फीवर के चलते भी कम हो जाती है। नॉर्मली बॉडी में क्.भ् से दो लाख प्लेटलेट्स होनी चाहिए, लेकिन जरा सी कमी होने पर इलाज शुरू कर दिया जाता है। जानकारी के मुताबिक ब्0 हजार से कम होने पर ही डेंगू की पुष्टि होने की संभावना बनती है। इससे अधिक हैं तो चिंता नहीं करनी चाहिए।

मेडिकल कॉलेज में होती है जांच

बता दें कि प्राइवेट पैथोलॉजी में डेंगू की जांच के नाम पर कार्ड टेस्ट किया जाता है। इसे हेल्थ डिपार्टमेंट नहीं मानता है। अधिकारियों का कहना है कि एमएलएन मेडिकल कॉलेज की लैब में एलाइजा टेस्ट किया जाता है। इस मान्य टेस्ट की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही डेंगू की पुष्टि की जाती है। लास्ट ईयर भी ऐसे कई मरीज सामने आए थे जिन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल्स ने डेंगू घोषित कर दिया था, लेकिन बाद में एलाइजा टेस्ट में सभी टेस्ट निगेटिव आए थे। जिसके बाद सीएमओ को निर्देश जारी करने पड़े थे।

हो सकता है नुकसान

बिना जरूरत प्लेटलेट्स चढ़ाए जाने से मरीज की सेहत को नुकसान हो सकता है। डोनर की बॉडी का संक्रमण इसके जरिए मरीज के शरीर में जा सकता है। इसलिए, जब तक जरूरी न हो मरीज को प्लेटलेट़्स चढ़ाने के लिए तैयार नहीं होना चाहिए।

बॉडी में प्लेटलेट्स की संख्या में कमी वायरल फीवर और मलेरिया की वजह से भी हो सकती है। इसलिए, सही जांच कराने के बाद ही प्लेटलेट्स चढ़वाया जाना चाहिए।

डॉ। ओपी त्रिपाठी, सीनियर फिजीशियन

बारिश को देखते हुए मलेरिया विभाग को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। अगर डेंगू का कोई केस सामने आता है तो उचित कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। पदमाकर सिंह, सीएमओ, हेल्थ डिपार्टमेंट