- समय पर नहीं पहुंचते डॉक्टर व हेल्थ एंप्लाइज

- कहीं पर डॉक्टर नहीं तो कहीं पर स्टाफ की कमी

GORAKHPUR: लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के जिम्मेदारों के दावे ग्रामीण इलाकों के बाद अब शहर में भी दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। गोरखपुर की बात करें तो यहां के नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत बेहद खस्ता है। अव्यवस्था का हाल तो ये है कि यहां ना तो निर्धारित समय पर डॉक्टर्स आते हैं और ना ही हेल्थ एंप्लाइज। ये सच्चाई सामने आई है आई नेक्स्ट के रिएल्टी चेक में। लगातार लोगों से मिल रही अनियमितताओं की जानकारी के बाद हमारी टीम ने शहर के तीन हेल्थ पोस्ट सेंटर का हाल जाना। पता चला कि यहां इलाज के नाम पर सिर्फ दावे ही किए जा रहे हैं। टीकाकरण का दिन हो या रुटीन इलाज, सब कुछ बस भगवान भरोसे ही चल रहा है।

स्पॉट- 1 झरना टोला

आई नेक्स्ट रिपोर्टर शुक्रवार सुबह 9 बजे झरना टोला स्थित नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हकीकत जानने पहुंचा। यहां सिर्फ तीन कर्मचारी मौजूद थे। एआरओ सुनील कुमार और डॉक्टर्स व एएनएम का कहीं पता ही नहीं था। कर्मचारी से जब टाइमिंग के बारे में पूछा तो उसका कहना था कि सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक खुलने का समय है। डॉक्टर की मौजूदगी के सवाल पर उसने कहा कि यहां एक डॉक्टर की तैनाती थी लेकिन वह पद पिछले दो साल से खाली चल रहा है। यहां वर्तमान में एक भी डॉक्टर नहीं है जिस कारण मरीज परेशान होते हैं। हर रोज यहां 30 से 40 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इस केंद्र पर एक एआरओ, चार एएनएम, दो एचवी, एक फार्मासिस्ट, एक वार्ड ब्वॉय, एक वार्ड आया की तैनाती है।

स्पॉट- 2 मोहद्दीपुर

इसके बाद 9:30 बजे मोहद्दीपुर नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की पड़ताल की गई तो हालात और भी चौंकाने वाले थे। रिपोर्टर ने देखा कि एक कमरे में पांच हेल्थ एंप्लाइ बैठे थे। वहीं दूसरे कमरे में वहां तैनात डॉ। श्वेता की कुर्सी खाली थी। बगल में एक मरीज उनका इंतजार कर रहा था। उसके अलावा टीकाकरण के लिए एक परिवार अपने बच्चे को लेकर पहुंचा। जब एक कर्मचारी से बात की गई तो उसका कहना था कि सुबह 10 बजे के बाद ही मरीजों के आने का सिलसिला जारी होता है। इससे पहले सभी स्टाफ आ जाते हैं। डॉक्टर के बारे में पूछने पर कहा कि वे अभी रास्ते में होंगी। जब टाइमिंग के बारे में सवाल किया तो पता चला कि निर्धारित समय आठ बजे है मगर सेंटर खुलने में लेट हो जाता है। कर्मचारियों के समय से ना पहुंचने पर मरीजो को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ता है। साथ ही बताया गया कि यहां पर एक डॉक्टर, चार एएनएम, एक फार्मासिस्ट, एक एचवी, एक एआरओ, दो वार्ड ब्वॉय, एक वार्ड आया और एक स्वीपर की तैनाती है। मगर इसके उलट यहां सिर्फ आधे कर्मचारी ही मुस्तैद मिले।

स्पॉट - 3, सिविल लाइंस

सुबह 10 बजे सिविल लाइंस स्थित हेल्थ सेंटर पर रिपोर्टर के पहुंचते ही मौजूद एंप्लाइज में हड़कंप मच गया। ऑफिस के अंदर सिर्फ दो महिला एंप्लाइ बैठी मिलीं। एआरओ और एक हेल्थ एंप्लाइ बातचीत करते मिले। एआरओ से जब अन्य कर्मचारियों के बारे में पूछा गया उन्होंने हड़बड़ाते हुए कहा कि लगभग 15 मिनट में सभी कर्मचारी पहुंच जाएंगें। मगर काफी इंतजार करने के बावजूद कोई नहीं आया। वहीं, इस दौरान डॉक्टर के कक्ष के बाहर भी ताला लटका मिला। यहां तैनात डॉ। प्रियंका चौधरी देर से पहुंचीं जबकि स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचने का निर्धारित समय आठ बजे है। कर्मचारियों के रवैये को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे अपना कार्य कितनी ईमानदारी से कर रहे होंगे। पता चला कि यहां पर डेली लगभग 15 मरीज आते हैं, लेकिन स्टाफ के ना रहने से एक या दो का ही इलाज हो पाता है। यहां पर दो एचवी, एक डॉक्टर, चार एएनएम, एक वार्ड ब्वॉय, एक फार्मासिस्ट, एक एआरओ, एक एमवाईसी की तैनाती है।

कोट्स

समय से इलाज हो सके इसलिए सुबह ही प्राइमरी हेल्थ पोस्ट पहुंच गया लेकिन यहां तो साफ-सफाई चल रही है। डॉक्टर के साथ अन्य स्टाफ भी गायब हैं। एक घंटा बीत गया फिर भी कोई नहीं पहुंचा है।

- पन्ने लाल, मरीज

कई दिन से बुखार है। इलाज के लिए सिविल लाइंस स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। दो घंटा इंतजार करने के बाद नंबर आया। जब यहां पहुंची थी तो कोई भी कर्मचारी व डॉक्टर नहीं थे। इस वजह से काफी परेशानी उठानी पड़ी।

- बिमला देवी, मरीज

इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र खोल दिए गए हैं लेकिन कर्मचारी नहीं मिलते। यहां पर घंटों डॉक्टर का इंतजार करना पड़ता है।

- आसिफ अली