- आई नेक्स्ट ने दो दिनों में दस स्कूलों के लगभग 10,000 बच्चों का हेल्थ चेकअप कराया

- आई, डेंटल, हाइजिन, क्लीननेस में पायी गयी गड़बड़ी, जाने-माने मेडिकल स्पेशलिस्ट हुए शामिल

PATNA: आई नेक्स्ट ने दो दिनों में शहर के अलग-अलग दस स्कूलों में जाने माने मेडिकल स्पेशलिस्ट्स की टीम की हेल्प से लगभग क्0,000 बच्चों का हेल्थ चेकअप करवाया। इस दौरान सुबह नौ से लेकर एक बजे तक डाक्टर्स की टीम ने स्कूल के हर क्लास के बच्चों को फ्री मेडिकल चेकअप और एडवाइस भी दिया। जिन बच्चों में क्रिटिकल कंडीशन पाया गया, उसके बारे में स्कूली की टीचर को जानकारी दी गयी और साथ ही उसके रिपोर्ट कार्ड पर रिमार्क भी दिया गया। जानकारी हो कि आई नेक्स्ट व उसके स्पांसर लाइफबॉय की ओर से ख्भ् नवंबर और ख्म् नवंबर को हेल्थ मीटर का आयोजन किया गया। इसमें बच्चों का प्रोपर हाइजिन, आई, डेंटल, नेल एंड हेयर क्लीनेस की जांच की गई। इस दौरान बच्चों में कई तरह की गड़बड़ी भी कैंप में मौजूद डाक्टरों ने पकड़ा और उसके लिए हेल्थ मीटर कार्ड पर प्रोपर जानकारी भी दी है।

कैल्सियम व विटामिन ए की कमी

दो दिनों के कैंप में दस से अधिक स्कूलों के बच्चों की मेडिकल टेस्ट करने वाली टीम ने पाया कि इन बच्चों के आई और डेंटल प्रॉब्लम के अलावा भी इनमें कई तरह की गड़बड़ी है। कैल्सियम की कमी की वजह से उसके हड्डी कमजोर है, साथ ही विटामिन ए की कमी की वजह से आंखे ड्राइ हो जा रही है। आंखों में रेफ्रेक्टिव एरर की शिकायत आने लगी है। यही नहीं, बच्चों का फूड हेबिट खराब होने की वजह से पेट में परेशानी और कीड़े की शिकायत भी बच्चों ने डाक्टरों से की है।

पांव में दर्द की करते हैं कंप्लेन

पेडियाट्रिशियन डॉ। ओम प्रकाश ने बताया कि बच्चों की ओर से पांव दर्द की कंप्लेन काफी आयी है, जिसके कारण रात में बच्चों को दूध नहीं पिलाया जाता है। गार्जियन बच्चे के शू पर कभी ध्यान नहीं देते हैं। ब्रांडेड शू नहीं होने और फीता अच्छी तरह से नहीं बंधने की वजह से जूते पर पांव का प्रेशर हर तरफ नहीं बन पाता है। फिजिशियन डॉ। अजय कुमार ने बताया कि कमर पर बस्ता और शू में गड़बड़ी से पीट में दर्द, पांव में दर्द की कंप्लेन रहती है, इसलिए गार्जियन को बच्चों के इन पहलु पर भी अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

बीस में से पांच दांत है खराब

बच्चों के बीस दांत में से पांच दांत खराब पाए गए। डेंटिस्ट्स डॉ। जावेद अनवर ने बताया कि बच्चों में बीस दांत पाए जाते हैं, पर उसका भी प्रोपर केयर नहीं किया जाता है। बीस में से पांच दांत में केयरिज पाई गई, जो बच्चों के लाइफ स्टाइल, फूड हेबिट के निगेटिव साइन को दर्शाता है। गार्जियन को चाहिए कि बच्चों को ख्ब् घंटे में दो बार ब्रश करवाएं और वीक में एक से दो बार भी माउथ वाश की हेबिट डलवाए।