RANCHI : झारखंड में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना बंद हो चुकी है। 30 सितंबर की आधी रात से ही 50 लाख बीपीएल परिवार स्मार्ट कार्ड के लाभ से वंचित कर दिए गए हैं, पर राज्य सरकार को इसकी चिंता नहीं है। इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर लेकर श्रम विभाग और स्वास्थ्य विभाग में कंफ्यूजन पैदा हो गया है। श्रम मंत्री राज पालिवार इस योजना को स्वास्थ्य विभाग के हवाले कर दिए जाने की बात कहते हैं तो स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी को इसकी कोई जानकारी ही नहीं है। वरीय अधिकारी भी इस संबंध में खुलकर कुछ नहीं बता रहे हैं। दो विभागों के बीच राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को लेकर उलझन होने से लाखों गरीब मरीज मुफ्त इलाज से वंचित हो गए हैं।

500 कर्मचारियों का भविष्य अधर मे

राष्ट्रीय स्वास्थ बीमा योजना के बंद होने से 500 कर्मचारियों का भी भविष्य अधर में है। इसमे जिला प्रोग्राम मैनेजर से लेकर ब्लॉक लेवल तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। मालूम हो कि 2008 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए इनकी नियुक्ति श्रम विभाग की ओर से की गई थी। अब योजना को स्वास्थ्य विभाग के हवाले करने की बात हो रही है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग अपने अधिकारियों-कर्मचारियों के जरिए इस योजना का क्रियान्वयन करेगा अथवा नई बहाली करेगी, इसपर सस्पेंस बना हुआ है। अगर ऐसी सिचुएशन आती है तो श्रम विभाग से नियुक्ति किए गए अधिकारियों-कर्मचारियों के नौकरी पर संकट गहरा जाएगा।

2008 में शुरु हुई थी राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना

झारखंड मे राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना साल 2008 में लांच की गई थी। शुरु में इसके संचालन की जिम्मेवारी श्रम विभाग को सौंपी गई थी। सात साल बाद केंद्र ने यह योजना स्वास्थ्य विभाग के हवाले करने का फैसला लिया है। लेकिन, झारखंड में इस योजना की जिम्मेवारी लेने के मुद्दे पर श्रम विभाग और स्वास्थ्य विभाग के बीच फेंका-फेंकी चल रही है। इस योजना की मियाद 30 सितंबर को ही पूरी हो चुकी है। ऐसे में इससे जुड़े इंश्योरेंस कंपनीज के कांट्रैक्ट का नवीनीकरण नहीं हो सका है, जिस कारण 30 सितंबर की आधी रात से सभी स्मार्ट कार्ड ब्लॉक कर दिए गए हैं।

श्रम मंत्री राज पलिवार से बातचीत

सवाल - झारखंड मे स्वास्थ सुरक्षा बीमा योजना क्यों बंद हो गई ?

जवाब - श्रम विभाग के अधीन यह योजना 30 सितंबर तक था। वैसे छह महीने पहले ही यह योजना बंद हो जाती, लेकिन विभाग के प्रयासों से इसे छह महीनें का एक्सटेंशन मिला था। अब यह योजना स्वास्थ्य विभाग के हवाले कर दिया गया है।

सवाल- स्वास्थ विभाग के सचिव के विद्यासागर ने बताया कि उनके विभाग को यह योजना अबतक ट्रांसफर नहीं की गई है ?

जवाब - बिलकुल नहीं। आप श्रम विभाग के सचिव से इस संबंध में विस्तार से जानकारी ले सकते हैं। केंद्र सरकार ने ही फैसला किया है कि यह योजना स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया जाए।

सवाल- आपके विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि यह योजना स्वास्थ्य विभाग के पास चला गया है। ऐसे में उन लाखों परिवार की क्या गलती है, जो स्मार्ट कार्ड के लाभ से वंचित कर दिए गए हैं ?

जवाब- अच्छा, ऐसी बात है। अभी हम बिहार दौरे पर हैं। रांची आने के बाद इस समस्या का सॉल्यूशन निकालेंगे। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग से बातचीत करेंगे।

स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी से सीधी बात

सवाल - झारखंड मे राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना अब स्वास्थ्य विभाग के जिम्मे है। लेकिन, 30 सितंबर के बाद से पचास लाख हेल्थ कार्ड ब्लॉक हैं। यह सुविधा कब से शुरु होगी ?

जवाब- यह योजना अभी श्रम विभाग के पास है। स्वास्थ्य विभाग के पास जैसे ही योजना आएगी, हमलोग इसे तुरंत शुरु कर देंगे।

सवाल- श्रम मंत्री का कहना है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना स्वास्थ्य विभाग के हवाले कर दिया गया है। आपका क्या कहना है?

जवाब- देखिए, इस मामले पर एक महीने पहले हुई बैठक में मैं भी मौजूद था। उस दौरान हमने श्रम विभाग से कहा था कि वे अस्पतालों व इंश्योरेंस कंपनियों का हिसाब-किताब क्लियर कर योजना को स्वास्थ्य विभाग के हवाले करने को कहा था, पर यह अभी तक नहीं मिला है।

सवाल- योजना को लेकर दो विभागों के बीच कंफ्यूजन में गरीबों को परेशानी हो रही है। उनका स्मार्ट कार्ड से इलाज नहीं हो रहा है। आपका क्या कहना है?

जवाब- देखिए, हमें अभी इस संबंध में पूरी जानकारी नहीं है। आप स्वास्थ सचिव से बात कर लें। मै अभी बिहार मे चुनावी दौरे पर हूं।