-बारिश के साथ शहर में बीमारियों ने भी दी दस्तक

-हॉस्पिटल्स में टाइफाइड व मलेरिया के बढ़े मरीज

-मंडलीय हॉस्पिटल में डेली 100 से ज्यादा मरीज पहुंच रहे इलाज के लिए

बारिश के साथ शहर में बीमारियों ने भी दस्तक दे दी है। प्राइवेट व सरकारी हर हॉस्पिटल में वायरल फीवर, मलेरिया व टायफाइड से ग्रसित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। यहां ऐसी बीमारियों की चपेट में आए सैकड़ों लोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। मंडलीय हॉस्पिटल में मलेरिया के साथ टाइफाइड के मरीजों का ग्राफ बढ़ गया है। इसमें बच्चों की संख्या ज्यादा है। डॉक्टर्स की मानें तो बरसात के चलते इन दिनों लोगों में टायफाइड, मलेरिया और वायरल फीवर की शिकायतें ज्यादा मिल रही हैं। गुरुवार को मेडिसिन ओपीडी में वायरल फीवर के 120, मलेरिया के 50 से 60 और टायफाइड के 70-75 मरीजों ने जांच कराई।

ओपीडी में लगी रही लाइन

डेली की तुलना में गुरुवार को मंडलीय हॉस्पिटल के ओपीडी में मरीजों की लंबी लाइन लगी रही। डॉक्टर्स ने बुखार से पीडि़त मरीजों की जांच करने के साथ उनमें टायफाइड और मलेरिया की शिकायत पर टेस्ट के लिए पैथ लैब में भेजा। फिजीशियन डॉ। एके सिंह ने बताया कि बारिश होने व तापमान में आई गिरावट के कारण लोग टाइफाइड की चपेट में आ रहे हैं। इसमें आने वाला फीवर घटता बढ़ता रहता है। हालांकि ऐसा तब तक चलता है जब तक बीमारी पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाती।

स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

इस बीच बरसाती बीमारी को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। मौसमी और संक्रामक रोग की रोकथाम व नियंत्रण के लिए सीएमओ ने गठित की गई टास्क फोर्स टीम को चौकन्ना रहने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि सभी सरकारी हॉस्पिटल व पीएचसी, सीएचसी में व्यवस्था दुरुस्त कराया जा रहा है।

अभी बढ़ सकता है ग्राफ

डॉक्टर्स का कहना है कि बारिश के बीच बढ़ रही बीमारियों की अभी तो शुरुआत है। बारिश थमने और धूप निकलने के बाद मच्छरों का प्रकोप बढ़ सकता है जिसके बाद हॉस्पिटल पहुंचने वाले मरीजों की संख्या डबल हो सकती है। लिहाजा एहतियात के तौर पर लोग घरों में साफ-सफाई के साथ फ्रेश खाना खाने का ध्यान रखें।

बारिश के बाद बीमारियों के बढ़ने के चांसेज बढ़ जाते हैं। अपने ओपीडी में रोजाना 250 से ज्यादा बच्चे इलाज के लिए पहुंचते हैं। लेकिन इधर चार-पांच दिनों से यहां आ रहे ज्यादातर बच्चों में टायफाइड व मलेरिया के लक्षण मिल रहे हैं।

डॉ। प्रशांत सिंह पीडियाट्रिक्स, मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा