-प्राइवेट अस्पतालों में प्लेटलेट्स व खून के नाम पर मरीजों से वसूल रहे तय से ज्यादा राशि

-एक स्वयंसेवी संस्था ने किया खुलासा, चार यूनिट प्लेटलेट्स के लिए लिये 12 हजार

शहर के कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल्स में खून का खुला खेल चल रहा है। यहां एडमिट होने वाले मरीजों के तीमारदारों से खून और प्लेटलेट्स के नाम पर मोटी राशि वसूली जा रही है। इसका पर्दाफाश साधना फाउंडेशन व वाराणसी ब्लड प्वाइंट ने संयुक्त रूप से किया है। संस्था का आरोप है कि शहर में ऐसे कई प्राइवेट हॉस्पिटल्स हैं जहां ब्लड और ब्लड के अव्यवों की कालाबाजारी की जा रही है। इसकी शिकायत जिला प्रशासन से भी की गई है। लेकिन अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया।

मरीजों को डरा रहे अस्पताल

साधना फाउंडेशन के सचिव सौरव मौर्या ने बताया कि दोनों संस्थाओं ने शहर के कुछ निजी अस्पतालों में की जा रही ब्लड की कालाबाजारी को लेकर गोपनीय तरीके से पड़ताल की। इस दौरान साक्ष्यों के साथ पाया गया कि ब्लड और प्लेटलेट्स के नाम पर मरीजों के साथ धोखाधड़ी कर तय शुल्क से ज्यादा पैसा वसूला जा रहा है। उन्होंने बताया कि 22 सितंबर को मुगलसराय के कैलाशपुरी स्थित विनायका हॉस्पिटल में एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया था। इसके बाद शहर के तीन और बड़े अस्पतालों में भी स्टिंग ऑपरेशन किया गया, जिसमें यहां ब्लड की कालाबाजारी किये जाने की बात सामने आई। इसकी भनक पाते ही अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीज के परिवारों को डरा धमका कर उजागर हुए इस सच को दबा दिया गया।

हॉस्पिटल पर नहीं हुई कार्रवाई

पांडेयपुर स्थित श्री सद्गुरू अस्पताल पर आरोप लगाते हुए सौरभ ने बताया कि 11 नवंबर की रात यहां प्लेटलेट्स के नाम पर एक मरीज के अटेंडेंट से चार यूनिट प्लेटलेट्स के लिए 12,000 रुपये लिया गया। इस जानकारी होते ही उस रात वे हॉस्पिटल पहुंचे और डॉक्टर से प्लेटलेट्स की रसीद मांगी। इस पर उन्होंने कहा कि प्लेटलेट्स की रसीद नहीं मिलती। इसके बाद डॉक्टर ने सेटिंग करने की बात कही। उसी वक्त सीएमओ व डीएम को इसकी जानकारी दी गयी। उनके कहने पर कैंट थाने में तहरीर दी गई। लेकिन तीन दिन बीतने के बाद भी अभी तक इस हॉस्पिटल के खिलाफ मुकदमा नहीं हुआ।

उठाते रहेंगे आवाज

वाराणसी ब्लड प्वाइंट के सचिव साकेत चौबे ने बताया कि हम लोगों के साथ पिछले 3 महीनों में कुछ अराजक तत्वों द्वारा मारने पीटने व जान से मारने की धमकी दी गई है। यह कालाबाजारी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोनों संस्थाएं ऐसे दलालों के खिलाफ हर समय आवाज उठाती रहेंगी। लेकिन इसके साथ ही प्रशासन को भी इन लोगों के खिलाफ कदम उठाना पड़ेगा।