-सैटरडे को नहीं पहुंचे हेल्थ सेक्रेटरी, एमजीएम मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल का करना था दौरा

-आज होगा हेल्थ सेक्रेटरी का विजिट

द्भड्डद्वह्यद्धद्गस्त्रश्चह्वह्म@द्बठ्ठद्ग3ह्ल एमजीएम मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में सैटरडे का दिन गहमागहमी भरा रहा। प्रिंसिपल के साथ-साथ एमजीएम हॉस्पिटल के सुपरिंटेंडेंट का प्रभार भी संभाल रहे डॉ एएन मिश्रा दिन भर कॉलेज और हॉस्पिटल की व्यवस्था दुरुस्त करने में जुटे रहे। डॉक्टर्स, टीचिंग स्टाफ सहित अन्य कर्मचारी भी मुस्तैद थे। सभी को इंतजार था हेल्थ डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी डॉ बीके त्रिपाठी का। पर उनका ये इंतजार बेकार चला गया, शाम को सूचना मिली कि उन्होंने सैटरडे को कॉलेज और हॉस्पिटल के दौरे का प्रोग्राम कैंसिल कर दिया है और अब वे संडे को विजिट करेंगे।

आज आएंगे

हेल्थ सेक्रेटरी का सैटरडे को एमजीएम मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल का दौरा कैंसिल हो गया। दिन भर उनका इंतजार होता रहा, लेकिन शाम करीब तीन बजे सूचना मिली कि अब संडे को आएंगे। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एएन मिश्रा ने बताया कि रांची से निकलने में देर होने की वजह से विजिट को संडे के लिए पोस्टपोन करना पड़ा। संडे को होने वाली विजिट को देखते हुए सभी कर्मचारियों को सुबह मौजूद रहने को कहा गया है।

रूटीन विजिट है या कुछ खास मकसद

प्रिंसिपल डॉ एएन मिश्रा ने हालांकि इस दौरे को रूटीन विजिट बताया, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि क्या इस दौरे पर सेंट्रल हेल्थ मिनिस्ट्री के एमजीएम में एमबीबीएस के 50 सीट्स घटाए जाने का फैसले का कितना असर है। एमसीआई के रिकमेंडेशन पर सेंट्रल हेल्थ मिनिस्ट्री ने पिछले साल एमजीएम में एमबीबीएस की बढ़ाई गई 50 सीट्स को इस सेशन के लिए रिन्यू करने प्रपोजल को रिजेक्ट कर दिया है। एमजीएम में एमबीबीएस की 50 सीट्स को पिछले साल बढ़ाकर 100 कर दी गई थी। बढ़ी हुई सीट्स पर एडमिशन के लिए काउंसलिंग भी कर ली गई है, ऐसे में इस आदेश के बाद इन एडमिशन्स को कैंसल करना होगा।

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रीन्यू नहीं होंगी एमबीबीएस की बढ़ी हुई सीट्स

-एससीआई ने किया रिकमेंडेशन

-सबसे पहले आठ जुलाई को आई नेक्स्ट में पब्लिश हुई थी खबर

मेडिकल काउंसिल ऑफि इंडिया (एमसीआई) द्वारा एमजीएम कॉलेज में एमबीबीएस की बढ़ी हुई सीट्स को रिन्यू नहीं किए जाने के रिकमेंडेशन की खबर सबसे पहले आठ जुलाई को आई-नेक्स्ट में पब्लिश हुई थी। इस खबर में एमसीआई के रिकोमेंडेशन और इस डिसिजन की वजहों को भी बताया गया था। एमसीआई द्वारा 22 और 23 मई को एमजीएम मेडिकल कॉलेज का असेसमेंट किया गया था। एमसीआई की एग्जिक्यूटिव कमिटी ने तीन जून को इस असेसमेंट रिपोर्ट पर विचार किया था और इस दौरान कॉलेज में फिजिकल और टीचिंग फैसिलिटीज में कई कमियां पाई थीं। इसी आधार पर एमसीआई ने हेल्थ मिनिस्ट्री को लेटर लिख कर बढ़ी हुई सीट्स के परमिशन को सेकेंड बैच के लिए रिन्यू नहीं करने का रिकमेंडेशन दिया था।

एमसीआई ने पाई थीं ये कमियां

-कॉलेज में टीचिंग फैकल्टी की 45.5 परसेंट कमी।

-सीनियर और जूनियर रेजिडेंट्स का 75.2 परसेंट शॉर्टेज।

-अपर्याप्त पारामेडिकल स्टाफ।

-ई-क्लास की फैसिलिटी नहीं।

-स्पीच थेरेपी की सुविधा उपलब्ध नहीं।

-फिजियोलॉजी, बायोकेमेस्ट्री, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, फार्माकोलॉजी और फॉरेंसिक साइंस डिपार्टमेंट में मौजूद डेमोंस्ट्रेशन रूम्स की कैपिसिटी रेग्यूलेशन्स के हिसाब से कम।

-डेली एवरेज प्लेन एक्स रे की संख्या 30 है, जो अपर्याप्त है। स्पेशल इंवेस्टिगेशन नहीं किए जाते।

-एमआरडी मैनुअल है। इंडेक्सिंग के लिए डिजीज का आईसीडी एक्स क्लासिफिकेशन नहीं किया जाता।

-ऑपरेशन थियेटर्स की संख्या रिक्वायरमेंट के हिसाब से कम। कैजुअल्टी में भी सुविधाएं अपर्याप्त।

-एसआईसीयू, एनआईसीयू, पीआईसीयू अवेलेवल नहीं है।

-सेप्टिक लेबर रूम नॉन फंक्शनल है। इक्लैप्शिया रूम अवेलेवल नहीं।

-स्टैटिक एक्स-रे मशीन और मोबाइल एक्स-रे मशीन की संख्या रिक्वायरमेंट से कम। इसके अलावा कॉलेज के ओपीडी, आईसीयू, वेबसाइट सहित अन्य चीजों में भी कई कमियां पाई गई थीं।

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हेल्थ सेक्रेटरी का विजिट पोस्टपोन हो गया है। वे अब संडे को दौरा करेंगे। ये एक रूटीन विजिट है।

-डॉ एएन मिश्रा, प्रिंसिपल, एमजीएम मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल