एग्रीमेंट खत्म करने वाला
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RANCHI: रिम्स में पीपीपी मोड पर काम करने वाली हेल्थ मैप डायग्नोस्टिक और मेडॉल लैब के सेंटर बंद होंगे। सीएम के आदेश के बाद रिम्स प्रबंधन दोनों ही एजेंसियों के साथ एग्रीमेंट खत्म करने वाला है। इसके बाद इलाज के लिए आने वाले सभी मरीजों की जांच रिम्स के ही सेंटर में होगी। इससे मरीजों की जेब पर डाका नहीं पड़ेगा। वहीं हास्पिटल की व्यवस्था भी सुधारने में मदद मिलेगी। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि दोनों एजेंसियों को हटाए जाने के बाद मरीजों की सभी जांच रिम्स में कैसे संभव हो पाएगी। चूंकि रिम्स में सालों पुरानी मशीनों से ही मरीजों की जांच की जा रही है। वहीं मशीनें महीने में अधिकतर दिन खराब ही रहती हैं।

पैथोलॉजी टेस्ट करता है मेडॉल लैब
इलाज के लिए आने वाले मरीजों की जांच का जिम्मा पीपीपी मोड पर मेडॉल लैब को दिया गया था, जहां सीजीएचएस रेट पर ही मरीजों का टेस्ट एजेंसी कर रही थी। लेकिन कई ऐसी जांच के लिए मरीजों से चार्ज लिया जाता था जो टेस्ट रिम्स में फ्री में किए जाते हैं। वहीं कई टेस्ट के लिए पैसे चुकाने में मरीजों को कर्ज भी लेना पड़ जाता है।

हेल्थमैप को रेडियोलॉजी का काम
मणिपाल की कंपनी हेल्थमैप को रिम्स में रेडियोलॉजी का काम दिया गया है। यह एजेंसी हास्पिटल के अलावा बाहर से आने वाले मरीजों का भी टेस्ट करती है। लेकिन एजेंसी के स्टाफ्स की लापरवाही के चक्कर में मरीज की जान भी जा चुकी है। इसके बाद काफी हंगामा भी हुआ था।

दस साल से अधिक पुरानी रिम्स की मशीनें
रिम्स के रेडियोलॉजी से लेकर पैथोलॉजी में इस्तेमाल की जा रही मशीनें दस साल से अधिक पुरानी हैं। महीने में आधे दिन तो सिटी और एमआरआई की मशीन खराब ही रहती है। वहीं वोल्टेज की प्राब्लम से आधी मशीनें बंद रहती हैं। इसके अलावा बायोकेमिस्ट्री की मशीनें भी कई दिनों तक खराब रहती हैं। ऐसे में मरीजों की जांच कैसे होगी।

इसे लेकर प्रक्रिया शुरू की जाएगी
सीएम के आदेश से तो यह कंफर्म है कि रिम्स में काम करने वाली एजेंसियों को हटाना है। जल्द ही इसे लेकर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अब देखना होगा कि कितने दिनों में एजेंसी को हटाया जाता है।

-डॉ। संजय कुमार, डिप्टी सुपरिटेडेंट, रिम्स