स्लग: हीमोफीलिया सोसायटी के सेक्रेटरी ने की कंप्लेन, गलत फैक्टर चढ़ाने से हो सकती है बीमारी

-रिम्स में पहले भी ड्रग इंस्पेक्टर ने कलेक्ट किया था सैंपल

-दवा किसी और कंपनी की और लेबल किसी और का मामले में दर्ज हुई थी कंप्लेन

RANCHI (25 Nov) : हीमोफीलिया के एक मरीज को इंवीटर होने का मामला सामने आया है। ऐसे में अब मरीज को फैक्टर चढ़ाने के बाद भी उसे कोई फायदा नहीं होगा। ये बातें हीमोफीलिया सोसायटी के सेक्रेटरी संतोष जायसवाल न कहीं। उन्होंने कहा कि उनके सेंटर में इलाज कराने वालों में यह पहला मामला आया है। चूंकि यह बीमारी मरीज को गलत फैक्टर चढ़ाने से होती है। इस मामले में सोमवार को वह डायरेक्टर डॉ। आरके श्रीवास्तव से कंप्लेन करेंगे। बताते चलें कि पहले भी रिम्स में गलत फैक्टर की सप्लाई की कंप्लेन की गई थी। इसके बाद ड्रग इंस्पेक्टर ने रिम्स से सैंपल भी कलेक्ट किया था।

मरीज को काम नहीं करता फैक्टर

सेक्रेटरी संतोष जायसवाल ने बताया कि हीमोफीलिया के मरीज को गलत फैक्टर चढ़ाने से उसे इंवीटर नामक बीमारी हो जाती है। इसके बाद उसे कोई भी फैक्टर चढ़ाने पर काम नहीं करता है। इससे मरीज की हालत काफी खराब हो जाती है। उन्होंने कहा कि रिम्स में पहले भी फैक्टर किसी और कंपनी का था। जिस पर दूसरी कंपनी का स्टिकर लगाया गया था। ऐसे में रिम्स में क्वालिटी फैक्टर की सप्लाई पहले से ही शक के दायरे में है।