RANCHI : खूंटी के सहयोग विलेज से बुधू कांडिर को उसका बेटा सागर कांडिर नहीं सौंपना और मंगरा नाग के बेटे को उसके हवाले किए जाने के मामले पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस एचसी मिश्रा व बीबी मंडल मूर्ति की बेंच ने मामले पर सुनवाई करते हुए खूंटी सीडब्ल्यूसी से यह पूछा है कि किस आधार पर दूसरे के बेटे को बुधू कांडिर के हवाले किया गया। अदालत ने आदेश दिया है कि जबतक बुधू कांडिर का बेटा सागर कांडिर नहीं मिल जाता है तबतक मंगरा नाग बुधू कांडिर के संरक्षण में ही रहेगा।

जवाब देने के निर्देश

अदालत ने सुनवाई के दौरान सहयोग विलेज खूंटी, बाल संरक्षण आयोग और सरकार को तीन सप्ताह के दौरान जबाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इधर, करूणा एनएमओ के दीपक सहाय के द्वारा कोतवाली थाने में दर्ज मेरी तिर्की, जेवीएम की महिला केंद्रीय प्रवक्ता सुनीता सिंह और बुधू कांडिर पर जबरन बच्चा छीनने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उस मामले को भी हाईकोर्ट के संज्ञान में दे दिया गया है।

छह सितंबर को हाईकोर्ट में पहुंचा था मामला

गौरतलब हो कि छह सितंबर को हाईकोर्ट में बुधू कांडिर ने हैबियस कॉपस फाइल किया था। इसमें कहा गया है कि जबरन उन्हें सागर कांडिर की जगह मंगरा नाग के बच्चे को सौंप दिया है। इस संबंध में जब उनलोगों ने खूंटी सीडब्ल्यूसी से कहा तो कहा गया कि जो दे रहे हैं, उसे ले जाओ? नहीं तो रांची जाकर सागर कांडिर को खोजते रहो।

बाल सरंक्षण आयोग को बुधू ने लिखा था पत्र

गौरतलब हो कि बुघू कांडिर ने बाल संरक्षण आयोग को अपने बेटे लौटाने को लेकर पत्र लिखा था। साथ ही साथ बीमार बच्चों को रानी चिल्ड्रन में इलाज के लिए भी गुहार लगाई थी।

मंगरा के साथ बुधू कोर्ट न आए, पुलिस की दबिश

मंगरा नाग के साथ बुधू हाईकोर्ट में फिजिकल रूप से उपस्थित नहीं हो, इसके लिए कोतवाली पुलिस की ओर से मेरी तिर्की के घर में रात दो बजे, जेवीएम केंद्रीय प्रवक्ता सुनीता सिंह के घर रात एक बजे, बिरसा के सहयोगी जेवियर डेसिस और उसके पड़ोसी के बगल में रात 11 बजे छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान जेवियर डेसिस का सोशल साइटस रात में बंद कर दिया। पुलिस वगैर वारंट के गिरफ्तार करने और बगैर सर्च वारंट के गई थी।