आई अलर्ट

-मेदांता के कार्डियक सर्जन डॉ संजय ने किया अलर्ट

-तैलीय खाने से सैचुरेटेड फैट व ट्राइग्लिसराइड नसों में जमने लगता है

-40 के बाद कराएं इसीजी, बीपी और डायबिटीज की जांच

बीमारी के कारण

-मार्केट में मिलने वाले तैलीय खाना हार्ट की बीमारियों को दे रहे दावत

-बार-बार एक ही तेल में फ्राइ करने से समोसे में चला जाता है फैट

-तैलीय चीजें खाने के बाद हार्ट की नसों में जमा होने लगता है फैट

-तेजी से बदलती लाइफ स्टाइल भी कई बीमारियों का कारण

-40 की उम्र के बाद इसीजी, ब्लड प्रेशर व डाइबिटीज की जांच बेहद जरूरी

-हाइपो थायरॉयड भी हार्ट अटैक का बड़ा कारण है।

-ज्यादा कोलेस्ट्राल के कारण आर्टरी से ब्लड सर्कुलेशन ठीक नहीं हो पाता। हाइपो थायरॉयड को कंट्रोल में रखना जरूरी है।

RANCHI: यदि आप भी समोसा खाने के शौकीन है, तो यह आपके हार्ट के लिए ठीक नहीं है। अलर्ट हो जाईए। जी हां, ज्यादा समोसा खाने से आपको हार्ट अटैक भी हो सकता है। मार्केट में मिलने वाले अन्य फ्राइड फूड भी हार्ट अटैक को न्योता दे रहे हैं। इतना ही नहीं, हार्ट से जुड़ी अन्य बीमारियां भी आपको अपनी चपेट में ले सकती हैं। यह कहना है मेदांता हास्पिटल के कार्डियक सर्जन डॉ। संजय का। उन्होंने बताया कि लोगों की लाइफ स्टाइल भी हार्ट की बीमारियों के कारण बन रही है।

नस में जमने लगता है फैट

डॉ। संजय ने बताया कि हार्ट की नसें काफी पतली होती हैं, जिनसे ब्लड हार्ट में जाता है। लेकिन ज्यादा समोसा और तैलीय चीजें खाने से उसका सैचुरेटेड फैट व ट्राइग्लिसराइड नसों में जमने लगता है, जिससे हार्ट अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है। चूंकि समोसा और फ्राइड फूड बार-बार एक ही तेल में फ्राई किए जाते हैं। बार-बार एक ही तेल में फ्राइ होने के कारण समोसे में फैट चला जाता है। खाने के बाद यह लोगों के शरीर में जाकर नसों में जमना शुरू हो जाता है।

2020 तक देश में सर्वाधिक पेशेंट

उन्होंने कहा कि जिस रफ्तार से हार्ट मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उस हिसाब से 2020 तक भारत में सबसे ज्यादा हार्ट के मरीज होंगे। लोगों की लाइफ स्टाइल बदल गई है। ऐसे में लोगों को 40 साल की उम्र में पहुंचने के बाद अपना हेल्थ चेकअप जरूर कराना चाहिए। इसमें इसीजी, ब्लड प्रेशर व डाइबिटीज की जांच बेहद जरूरी है। इसके अलावा हाइपो थायरॉयड भी हार्ट अटैक का एक बड़ा कारण है। चूंकि ज्यादा कोलेस्ट्राल की वजह से आर्टरी से ब्लड सर्कुलेशन ठीक से नहीं हो पाता है। इसलिए हाइपो थायरॉयड को भी कंट्रोल में रखना जरूरी है।

मेदांता में जल्द शुरू होगा हार्ट ट्रासप्लांट

डॉ। संजय ने बताया कि पिछले साल जुलाई में ही मेदांता में हार्ट की बीमारियों का इलाज शुरू किया गया है। इसमें अब तक 151 लोगों का आपरेशन कर उन्हें ठीक किया गया। अब हास्पिटल में हार्ट ट्रासप्लांट शुरू करने की तैयारी है। इसकी प्रक्रिया भी चल रही है। इसके लिए सरकार से लाइसेंस लेना होता है। जैसे ही लाइसेंस मिलता है, हार्ट ट्रांसप्लांट शुरू कर दिया जाएगा।