- ठंड शुरू होते ही बढ़ गए दस से पंद्रह फीसदी मरीज

- मॉर्निग वाक से बचने की सलाह, खाना खाकर टहलना नुकसानदेह

ALLAHABAD: दिल के मरीजों के लिए ठंड का मौसम खतरनाक साबित हो सकता है। इसी का असर है कि हॉस्पिटल्स में मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में उन्हें सावधानी बरतनी होगी। डॉक्टर्स का मानना है कि जैसे-जैसे ठंड में इजाफा होगा, मरीजों को नई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इससे बचने के लिए उन्हें अपनी दिनचर्या और आदतों में बदलाव लाना होगा।

हाउसफुल हो गया एसआरएन हॉस्पिटल का वार्ड

अभी ठंड की शुरुआत हुई और इसका असर दिखने लगा है। खासतौर से दिल के मरीजों के लिए यह मौसम काफी कष्टदायी साबित होता है। उदाहरण के तौर पर एसआरएन हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी वार्ड सभी बेड अभी से भर गए हैं। रोजाना दस से पंद्रह फीसदी नए मरीजों ने दस्तक देनी शुरू कर दी है। दिसंबर और जनवरी में भीषण ठंड पड़ने पर हालात इससे भी ज्यादा गंभीर हो सकते हैं।

इन आदतों को बदलना जरूरी

जो लोग अर्ली मॉर्निग उठने के बाद वाक करने जाते हैं। उन्हें इस आदत को बदलना होगा। दिल के मरीजों को सूर्य निकलने के बाद ही बिस्तर छोड़ना चाहिए। धूप में टहलना उनके लिए सुरक्षित साबित हो सकता है। इसी तरह जो लोग खाना खाकर टहलते हैं उन्हें भी होशियार हो जाना चाहिए। डॉक्टरों के मुताबिक खाना खाने के बाद खून का बहाव आंतों की ओर होता है और दिल के मरीजों के लिए यह कंडीशन खतरनाक होती है। टहलने से उनके हार्ट पर ज्यादा प्रेशर पड़ेगा, जिससे हार्ट अटैक या तेज दर्द का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा ठंडे पानी से नहाना, ठंडा खानपान से भी बचना होगा।

क्यों बढ़ जाता है खतरा

दिल के मरीजों की खून की नलिकाएं पहले से सिकुड़ी हुई होती हैं। जबकि ठंड के मौसम में खून गाढ़ा हो जाने से हार्ट पर ज्यादा दबाव पड़ता है। ऐसे में लापरवाही बरतने से दिक्कतें बढ़ना लाजिमी होता है। डॉक्टर्स का कहना है कि मरीजों को दवाएं लेने में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। पूरे बदन के कपड़े पहनने चाहिए। शरीर को गर्म रखने की कोशिश करनी चाहिए। यहां तक कि नॉर्मल इंफेक्शन, खांसी-जुकाम भी इन मरीजों को मुसीबत में डाल सकता है। डॉक्टर से नियमित चेकअप कराकर बचा जा सकता है।

- जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है, दिल के मरीजों की संख्या का इनपुट ओपीडी में बढ़ रहा है। हालत गंभीर होने पर उनको वार्ड में एडमिट करना पड़ रहा है। हमारी ओर से मरीजों को लापरवाही न बरतने की सलाह दी जाती है। इस मौसम में थोड़ी सावधानी बरतने से खुद को स्वस्थ रखा जा सकता है।

डॉ। पीयूष सक्सेना, कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट, एसआरएन हॉस्पिटल

-अर्ली मॉर्निग उठकर वाक करने वालों को इस मौसम में होशियार रहना होगा। हो सके तो उन्हें धूप निकलने के बाद ही घर से निकलना चाहिए। ठंडी चीजों से परहेज करना लाभदायक होगा।

डॉ। ओपी त्रिपाठी, सीनियर फिजीशियन, बेली हॉस्पिटल