सुबह जब आप अपने लाडले के कंधे पर भारी सा स्कूल बैग देकर स्कूल भेजते होंगे तो शायद आप सोचते होंगे कि काश, इन बच्चों को बिना बैग के स्कूल जाना होता तो कितना अच्छा होता ! दोपहर की तपती धूप में जब बच्चा उस बैग के बोझ से कंधा झुकाए वापस आता होगा तो आपको स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन पर गुस्सा भी आता होगा। ऐसा होना लाजिमी भी है क्योंकि स्कूल्स इन नौनिहालों के साथ ठीक नहीं कर रहा। चिल्ड्रेन स्कूल बैग्स एक्ट 2006 और स्कूल ऑर्गनाइजेशन के इंस्ट्रक्शन को अगर सिटी के स्कूल्स फॉलो करते तो बच्चों के इस बोझ को कम किया जा सकता था,  लेकिन ऐसा नहीं हो रहा।

Act  की जानकारी नहीं

चिल्ड्रेन स्कूल बैग्स एक्ट 2006 के बारे में सिटी के मैक्सिमम स्कूल के प्रिंसिपल्स जानकारी नहीं है। जब प्रिंसिपल्स से बच्चों के वेट और प्रोपोर्शन में बैग के वेट के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि उन्हें एक्ट की जानकारी नहीं। आरवी के प्रिंसिपल पीबी सहाय ने तो आई नेक्स्ट रिपोर्टर से ही एक्ट के बारे में पूछने लगे। सिर्फ यही नही बैग के वेट के मामले में स्कूल्स की मनमानी के बारे में डीईओ से बात की गई तो उन्होंने भी एक्ट के बारे में बताने से मना कर दिया और कहा कि इसके बारे में उनके पास कोई इंस्ट्रक्शन नहीं आया है

होना चाहिए ऐसा

चिल्ड्रेन स्कूल बैग्स बिल 2006 में राज्यसभा में पास हुआ। इसमें कई बैग के वेट को लिमिट करने के लिए कई प्रावधान हैं। इसके तहत नर्सरी और केजी के बच्चों को बैग से मुक्त रखा गया है। इसके अलावा बच्चों के वेट का 10 परसेंट से ज्यादा बैग का वेट नहीं हो यह भी इंस्ट्रक्शन है। स्कूल्स में लॉकर्स होने चाहिए ताकि छोटे बच्चे अपने बुक्स और कॉपियों को उसमें रख सकें और बैग कैरी करने से बच सकें। स्कूल ऑर्गनाइजेशन ने भी बच्चों के बैग्स से संबंधित कई इंस्ट्रक्शन दे रखा है। इसमें सभी क्लासेज के लिए बैग का मैक्सिमम वेट फिक्स किया गया है। इसके तहत, क्लास वन और टू के लिए बैग का वेट 2 केजी, थर्ड और फोर्थ के लिए 3 केजी, क्लास फिफ्थ और सिक्स्थ के लिए 4 केजी और सेवेंथ से इलेवेंथ तक के स्टूडेंट्स के लिए बैग का मैक्सिमम वेट 6 किलोग्राम तय किया गया है।

सिटी के स्कूल्स में हो रहा ऐसा

सिटी के स्कूल्स में चिल्ड्रेन बैग्स एक्ट 2006 और स्कूल ऑर्गनाइजेशन के इंस्ट्रक्शन को पूरी तरह से इग्नोर किया जा रहा है। ना तो बच्चों के वेट के प्रोपोर्शन में उनके बैग का वेट है और न ही बैग के मैक्सिमम वेट का ही ख्याल रखा गया है। आई नेक्स्ट ने जब सिटी के स्कूल्स में पढऩे वाले बच्चों के स्कूल बैग का वेट करवाया तो रिजल्ट शॉकिंग था। 19 किलोग्राम वेट के बच्चे के कंधे पर 5 किग्रा का बैग था। इसके अलावा थर्ड के एक बच्चे के कंधे पर 6 किग्रा का बैग था। आश्चर्य तो एमएनपीएस के एक एलकेजी क्लास के बच्ची को देखकर लगा। उस बच्ची के कंधे पर तीन किग्रा का बैग था। सिटी के किसी भी स्कूल मे लॉकर की फैसिलिटीज अवेलेवल नहीं थी। प्रिंसिपल्स से बात की गई तो उन्होंने कबबर्ड की बात कही। उनका कहना था कि कबबर्ड में ही कुछ स्टूडेंट्स के बुक्स रख लिए जाते हैं ताकि उन्हें बैग में उन्हें कैरी ना करना पड़े।

ज्यादा वेट का बैग कैरी करने से इस तरह की प्रॉब्ल बच्चों को हो सकती है

-मांशपेशियों में खिचाव होने की संभावना

-स्पाईनल कॉर्ड में प्रॉब्लम हो सकती है

-बॉडी के दूसरे पार्ट में भी पेन होने की संभावना हो सकती है

-बच्चों के बोन में प्रॉब्लम होने की वजह से बॉडी आगे की तरफ झुक जाता है 

-आंखों की रोशनी और ब्रेन पर बुरा असर पड़ सकता है।

-थकान महसूस होने पर बच्चे ठीक तरह से खाना नहीं खा पाते।

इन बातों का रखें ख्याल

-कोशिश करें कि बच्चों का स्कूल बैग हल्का रहे

-सिर्फ जरुरत का सामान ही बैग में रखें

-स्कूल के रुटिन को फॉलो करते हुए ही स्कूल बैग पैक करें

-इस बात का ख्याल रखें कि स्कूल बैग कंधे पर लेकर बच्चे ज्यादा देर तक खड़े ना रहे

-बच्चे सिंगल स्ट्रैप वाले बैग लेकर ना चलें इस बात का ध्यान रखें

(एमजीएम के फिजिशियन डॉ निर्मल कुमार से बातचीत पर आधारित)

 Children School Bags Act 2006  के मेन प्रोविजन

- नर्सरी और किंडरगार्टन के बच्चों के लिए स्कूल बैग्स नहीं होने चाहिए।

- स्कूल बैग का वेट बच्चे के वेट का 10 परसेंट से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

- पर्टिकुलर क्लास के बच्चों का एवरेज वेट स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन को पता होना चाहिए

- स्कूल्स को लॉकर्स प्रोवाइड करना चाहिए ताकि क्लास 8 तक के बच्चे अपना स्पोट्र्स इक्वीपमेंट के अलावा बुक्स और कॉपियां उसमें रख सकें

- क्लास फिफ्थ तक के बच्चों को बुक्स और कॉपियां स्कूल लाने के बारे में एडवांस इन्फॉर्मेशन देनी चाहिए।

- स्कूल को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों के स्कूल बैग में सेवरेल कंपार्टमेंट्स हो।

- स्कूल्स को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों के स्कूल बैग्स डबल स्ट्रैप वाले हों।

- स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन को यह बताना चाहिए कि बस का वेट करते समय बच्चे बैग नीचे रख दें।