पहले पान खिलाया फिर मौत की नींद सुलाया

बुधवार की दोपहर पुराने बनारस यानि पक्के महाल का इलाका अचानक गोलियों की आवाज से गूंज उठा। संकरी गली में चली गोलियों का शिकार बना कोतवाली एरिया के ब्रह्मा घाट इलाके का रहने वाला रविन्द्र सेठ उर्फ लालन। सपा नेता और शराब कारोबारी लालन की हत्या क्यों हुई और हमलावर कौन थे इस बारे में तो पुलिस जांच कर रही है लेकिन पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लालन को कुछ दिन पहले जेल से दस लाख रुपये की रंगदारी के लिए फोन कॉल आई थी। इसके बाद लालन ने क्राइम ब्रांच को इस थ्रेट कॉल की सूचना दी थी। दिनदहाड़े हुई इस दुस्साहिक वारदात में सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि लालन को मौत की नींद सुलाने वाले बदमाश आराम से गलियों से होते हुए पैदल ही भाग निकले और इलाके में मौजूद लोग अपने घरों और दुकानों का दरवाजा बंद कर अंदर बैठे रहे।

घर से बुलाकर दी मौत

ब्रह्मा घाट स्थित नारायण जी दीक्षित लेन में रहने वाले रविन्द्र उर्फ लालन सेठ बुधवार की सुबह घर पर थे। इसी बीच दोपहर लगभग साढ़े ग्यारह बजे तीन युवक उनके घर के बाहर पहुंचे और लालन को लाला भइया कहकर आवाज दी। अपना नाम सुनकर लालन ने घर के सेकेंड फ्लोर पर बाहर की ओर खुलने वाली खिड़की से नीचे देखा। इस दौरान तीन युवकों में से एक युवक को परिचित देख लालन टी-शर्ट व लोअर पहनकर ही घर से नीचे उतर आया। इसके बाद लालन तीनों युवकों संग घर से कुछ ही कदम की दूरी पर स्थित एक चाय की दुकान पर पहुंचा और चाय पीने के बाद वहीं पान भी खाया।

बातचीत के दौरान मारी गोली

चाय पान करने के बाद लालन उन युवकों से बातचीत कर रहा था। इसी बीच एक युवक ने पिस्टल निकाली और लालन पर टारगेट कर एक फायर कर दिया। फायर होते ही लालन झुक गया और पहली गोली उसके पैर पर लगी। इस बीच वो घर की तरफ भागा ही था कि हमलावरों में शामिल दूसरे बदमाश ने भी पिस्टल निकाली और उसके सीने व पेट पर तीन फायर किये। लालन को गोलियां मारने के बाद तीनों बदमाश गलियों से पैदल ही भाग निकले। गोली चलने के बाद पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई और डर के मारे इलाके के लोग अपने घरों के दरवाजे और अपनी दुकानों के शटर बंदकर घर में ही दुबक गए।

काश गली न होती तो बच जाता लालन

बदमाशों की गोलियों का शिकार हुआ लालन गली में ही खून से लथपथ हालत में पड़ा छटपटा रहा था। इसी बीच गोलियों की आवाज सुनकर लालन के परिजन भागते हुए बाहर पहुंचे और लालन को ट्रॉली पर लादकर गलियों से होते हुए रोड तक लाये और फिर फोर व्हीलर में लादकर मलदहिया स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने लेट होने के चलते लालन को मृत घोषित कर दिया। लालन के मौत की पुष्टि डॉक्टरों की ओर से करते ही अस्पताल में मौजूद लालन के परिजन अस्पताल के कर्मचारियों पर भड़क गए और हो हल्ला करने लगे। इसी बीच सूचना पाकर अस्पताल पहुंची पुलिस ने गुस्साये परिजनों को शांत कराया और बॉडी को कब्जे में ले लिया।

अधिकारियों की हवा हो गई टाइट

दिनदहाड़े हुई हत्या की खबर लगते ही पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और खबर लगते ही एसएसपी अजय मिश्र व क्राइम ब्रांच की टीम मौके पर पहुंची। इस दौरान मौके पर मौजूद कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावर तीन थे। इनमे से दो ने अपनी पहचान छिपाने के लिए हेलमेट पहन रखा था जबकि एक ने अपना चेहरा नहीं ढका था और उसी ने लालन को आवाज देकर बुलाया था। पुलिस ये आशंका जता रही है कि बदमाशों ने भैरवनाथ के आसपास अपनी बाइक खड़ी की होगी और वारदात को अंजाम देने के बाद गलियों से होते भैरवनाथ पहुंच बाइक लेकर भाग निकले होंगे।

आखिर क्या है वजह

लालन की दिनदहाड़े हुई हत्या के पीछे की वजहों की तलाश में पुलिस जुटी हुई है। इस दौरान एसपी सिटी राहुल राज का कहना है कि चूंकि रविन्द्र उर्फ लालन के बड़े भाई नरेन्द्र का शराब और भांग के ठेकों का काम है और लालन इस काम को देखता है। इसलिए बिजनेस राइवलरी से इनकार नहीं किया जा सकता। एसपी सिटी के मुताबिक पूछताछ में ये भी पता चला है कि लालन का लोहटिया में एक भांग का ठेका है। ये ठेका जिस घर में है उसे घर के मालिक ने आजमगढ़ के एक दबंग को बेच दिया था। जिसके बाद वो दंबग लालन से दुकान खाली करने को कह रहा था लेकिन लालन दुकान खरीदने के मूड में था और दुकान के बदले मुंहमांगी कीमत देने को तैयार था। इसी बात को लेकर पिछले दिनों दोनों पक्षों में तनातनी भी हुई थी।

कहीं मौत की वजह रंगदारी तो नहीं

भले ही पुलिस लालन की हत्या की वजह तलाशने की बात कह रही हो लेकिन पुलिसिया सूत्र बता रहे हैं कि लालन की हत्या के पीछे कारण है रंगदारी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक लालन को पिछले दिनों जेल में बैठे एक बदमाश के नाम पर रंगदारी की थ्रेट कॉल आई थी और बदमाश ने लालन से दस लाख रुपये की डिमांड की थी और न देने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी। जिसके बाद लालन ने इसकी सूचना क्राइम ब्रांच को दी थी और क्राइम ब्रंाच मामले की जांच में जुटी भी थी।

ननिहाल में रह रहा था लालन

भैरवनाथ के निर्मल सेठ के दो बेटों में रविन्द्र उर्फ लालन सेठ व राजेन्द्र अपने परिवार के साथ ब्रह्मा घाट स्थित नारायण जी दीक्षित लेन स्थित ननिहाल में रहते थे। रविन्द्र की मां राधा देवी तीन बहनें थी और उनका कोई भाई नहीं था। पिछले साल ही राधा देवी का देहांत हो गया था। रवींद्र की दोनों मौसी किरन देवी और कृष्णा देवी अपने परिवार के साथ रहती हैं। वारदात के दौरान रवींद्र के दोनों बेटे चंदन (15 वर्ष) व नंदन (11 वर्ष) स्कूल गए थे जबकि पत्नी रेखा देवी घर पर ही थी।

मौके से मिले खोखे और कारतूस

पुलिस को मौका-ए-वारदात से 9 एमएम का एक खोखा, एक बुलेट और .32 बोर के तीन खोखे मिले हैं। इस हत्याकांड मामले में पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच ने कुछ लोगों को पूछताछ के लिए उठाया भी है।

पार्षद के लड़ चुका है दो बार

शराब और भांग का कारोबार करने वाला लालन राजनीति से भी लगाव रखता था। वह दो बार भैरवनाथ वार्ड से पार्षद पद के लिए इलेक्शन लड़ चुका था। पहली बार में सपा के टिकट पर व दूसरी बार सपा के समर्थन में इलेक्शन लडऩे के बाद दोनों बार लालन को हार का ही मुंह देखना पड़ा था। पहली बार कांग्रेस के राजेंद्र और दूसरी बार भाजपा समर्थित बृज किशोरदास बंगाली (वर्तमान) ने पार्षद का चुनाव जीता था।