शुरू हुए हो गए छह माह

सिटी में डेली हजारों टूरिस्ट्स आते हैं। उनकी सुरक्षा व मदद के लिए 13 अक्टूबर 2012 को तत्कालीन एसएसपी बीडी पॉल्सन व तत्कालीन एसपी सिटी संतोष सिंह ने चेतगंज स्थित कंट्रोल रूम के निकट टूरिस्ट हेल्पलाइन की शुरुआत की थी। लेकिन छह माह के बाद भी यहां नहीं के बराबर कॉल्स आ रही हैं। प्रॉपर ढंग से प्रचार नहीं होने से इसकी पहुंच किसी सैलानी तक नहीं हुई है। यही वजह है कि टूरिस्ट्स के साथ छेड़खानी या कोई वारदात होने के बाद भी पुलिस को पब्लिक से इसकी सूचना मिलती है। इसका सबसे बड़ा एग्जाम्पल है शुक्रवार को सारनाथ में जापानी महिला के साथ हुई ईव टीजिंग की घटना। इसके आरोपी को वहां के लोगों ने पकड़ कर पुलिस को सौंपा। पीडि़त विदेशी महिला ने पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी थी।

Response लगभग जीरो

आई नेक्स्ट ने इस हेल्पलाइन सेंटर की रियलिटी चेक की और यह जाना कि क्या छह महीनों के दौरान इस हेल्पलाइन पर मदद की गुहार लगाने वाले किसी सैलानी को सच में मदद मिली है? इसमें जो चीजें सामने आयीं वो काफी चौंकाने वाली थीं। आई नेक्स्ट को इस दौरान पता चला कि इन छह माह के दौरान टूरिस्ट हेल्पलाइन पर महज 21 कॉल्स आई हैं। 2012 के तीन महीनों में जहां 7 पर्यटकों ने इसके माध्यम से हेल्प मांगी। वहीं 2013 के तीन महीनों में यहां 14 कॉल्स आयी हैं। इनमें से कुछ को ही मदद मिली।

टूरिस्ट हेल्पलाइन नंबर 7800300300 पर सैलानी किसी भी वक्त कॉल कर सकते हैं।

जब काम नहीं आई हेल्पलाइन

- सारनाथ में जापानी महिला संग छेड़खानी।

- दशाश्वमेध पर नागा साधु की फोटो खींचने पर पर्यटकों को साधुओं ने पीटा।

- दशाश्वमेध घाट पर इटली की पर्यटक संग छेड़छाड़।

- हरिश्चन्द्र घाट पर नागा साधु ने इटली की महिला संग की रेप की कोशिश।

- गिरजाघर चौराहे पर कोरियन महिला संग युवक ने की छेड़छाड़।

- लंका में साउथ से आई महिला की उचक्कों ने उड़ाई चेन।

यह हेल्पलाइन इन कंडीशन्स में काम आ सकती है

- टूरिस्ट्स के साथ मारपीट या ठगी होने पर।

- पर्यटकों के साथ छिनौती व लूट होने पर।

- महिला पर्यटकों संग छेड़छाड़ या यौन शोषण होने पर।

- टूरिस्ट्स के लापता या एक्सिडेंट होने की स्थिति में।

- राह भटकने पर टूरिस्ट्स को उनकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए।

- टूरिस्ट्स संग, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, गेस्ट हाउस, होटल या रास्ते में दुव्र्यवहार होने पर।

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टूरिस्ट हेल्पलाइन के प्रॉपर प्रचार के लिए सिटी में बैनर पोस्टर और फ्लेक्स लगाए गए हैं। स्टेशन से लेकर होटल्स व गेस्ट हाउसेज में पंफ्लेट्स बांटे गए हैं। हमारी कोशिश है कि मैक्सिमम टूरिस्ट्स हेल्पलाइन पर कॉल कर अपनी प्रॉब्लम्स हम तक पहुचाएं।

चन्द्र देव, इंचार्ज, हेल्पलाइन सेंटर