RANCHI: अगर आपके आसपास में भी किसी बच्चे या बड़े व्यक्ति का कोई बॉडी पार्ट अचानक से काम करना बंद कर दे, तो यह पोलियो का लक्षण हो सकता है। ऐसे लक्षण दिखने पर बिना देरी किए हेल्थ डिपार्टमेंट के हेल्पलाइन नंबर 9ब्फ्क्क्7ब्ब्ख्9, 97808800फ्9 पर सूचना दीजिए। इसके बाद मरीज का टेस्ट कराकर इलाज कराया जाएगा। साथ ही उसे फिजियोथेरेपी ट्रीटमेंट भी दी जाएगी, ताकि मरीज को क्00 परसेंट ठीक किया जा सके। इलाज की सुविधा सदर हास्पिटल, रिम्स के अलावा कम्युनिटी हेल्थ सेंटर्स में भी है। वायरल इंफेक्शन का भी असर डिस्ट्रिक्ट इम्युनाइजेशन आफिसर डॉ। सुदक्षणा लाला की मानें तो वायरल इंफेक्शन की वजह से भी बॉडी पा‌र्ट्स काम करना बंद कर देते हैं। ऐसे में लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। चूंकि वायरल इंफेक्शन से होने वाली समस्या ठीक की जा सकती है। मेडिसीन के साथ ही पेशेंट को फिजियोथेरेपी दी जाती है। इससे मरीज का बॉडी पार्ट फिर से काम करने लगता है। अगर कोई गंभीर मरीज हो तो उसके हास्पिटल में रहने और इलाज का खर्च भी सरकार वहन करती है। स्टूल टेस्ट से पता करें बीमारी अगर किसी मरीज में पोलियो के लक्षण दिखते हैं, तो सबसे पहले मरीज को पूरी तरह से एग्जामिन किया जाता है। इसके बाद उसका स्टूल टेस्ट कराया जाता है। इससे पता लगाया जाएगा कि मरीज को पोलियो है या वायरल इंफेक्शन। हालांकि, ख्0क्फ् के बाद से पोलिया का एक भी मामला सामने नहीं आया है। इसके बावजूद हेल्थ डिपार्टमेंट किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहता है। इसलिए पोलियो का कोई भी लक्षण दिखने पर कंफर्म करना जरूरी हो जाता है। .बॉक्स डब्ल्यूएचओ के एसएमओ भी कर रहे मानिटरिंग 0 से लेकर क्भ् साल तक के बच्चे इस तरह की समस्या से ग्रसित हैं। ऐसे में इसकी मानिटरिंग की जिम्मेवारी डिस्ट्रिक्ट इम्यूनाइजेशन डिपार्टमेंट को दी गई है। इसके अलावा डब्ल्यूएचओ के सर्विलांस आफिसर को भी मानिटरिंग करने को कहा गया है। ऐसे में लोग पोलियो के लक्षण दिखने पर उनसे भी संपर्क कर सकते है। डॉ। सुदक्षणा ने बताया कि डब्ल्यूएचओ ने इंडिया को पोलियो फ्री घोषित कर दिया है। इसके बावजूद पल्स पोलियो अभियान जारी रखा गया है, ताकि कोई भी बच्चा इसकी चपेट में न आ जाए।