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ALLAHABAD: सरकार या प्राइवेट कम्पनी के काम से बाहर जाने पर कम्पनी या सरकार की तरफ से कर्मचारियों को टीए यानी ट्रैविलिंग एलाउंस दिया जाता है। लेकिन तस्करों को भी यह एलाउंस दिया जाता है, आपने शायद ही सुना होगा। यमुनापार एरिया में घूरपुर पुलिस के हत्थे चढ़े गांजा तस्करों से पूछताछ में ऐसा ही खुलासा हुआ है। तस्करों ने बताया कि उन्हें माल पहुंचाने के लिए प्रत्येक चक्कर के पांच हजार रुपए दिए जाते थे। रास्ते के खर्च के लिए भी उन्हें 4500 रुपए दिए जाते थे। वे करछना के रैपुरा निवासी संदीप जायसवाल पुत्र मुन्ना के लिए काम करते थे।

वाल्वो बस से ला रहे थे गांजा
एसपी यमुनापार दीपेन्द्र नाथ चौधरी ने सोमवार को बताया कि पुलिस टीम को जानकारी मिली कि रायपुर छत्तीसगढ़ से वाल्वो बस से कुछ लोग भारी मात्रा में गांजा ला रहे हैं। थानाध्यक्ष घूरपुर ओम शंकर शुक्ल ने टीम के साथ बस को थाना के गेट के सामने रोका। चेकिंग में सात लोगों को अवैध गांजा के साथ पकड़ा गया। बस में बैठी अन्य सवारियों को दूसरी बस से रवाना किया गया। पुलिस ने गांजा तस्करों राजेश यादव, मो। मुख्तार, मो। मुकीम, मुरारी सिंह, वीरेन्द्र कुमार तिवारी, सोनू शर्मा व अमित कुमार विश्वकर्मा से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वे संदीप जायसवाल के लिए काम करते थे। इनके पास से 6 मोबाइल, 9 बैग में 64 किलो गांजा व 18660 रुपए बरामद हुए।