10 कुल बेड हैं डायलिसिस सेंटर में

30 डायलिसिस होती है रोजाना

60 है वेटिंग में मरीजों की संख्या

3 बार सप्ताह में मरीज को करानी होती है डायलिसिस

3 से 4 हजार है प्राइवेट में एक बार डायलिसिस की फीस

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-केवल दस बेड का है बेली हॉस्पिटल का हीमोडायलिसिस सेंटर

- चल रही अधिक बेड की मांग, लंबी हो गई है वेटिंग लिस्ट

vineet.tiwari@inext.co.in

ALLAHABAD: सुविधाएं निश्चित हैं और पीडि़तों की संख्या अनेक है। ऐसे में जिनका नंबर लग चुका है, वह जीवित हैं। बाकी मरीज जीवन के एक-एक पल गिनने को मजबूर हैं। बात हो रही किडनी के मरीजों की। बेली हॉस्पिटल में बनाए गए हीमोडायलिसिस सेंटर महज दस बेड का है और मरीजों की संख्या इससे कहीं अधिक है। ऐसे में कई मरीज वेटिंग में चल रहे हैं। अगर समय रहते उनका नंबर नहीं आया तो वह प्राइवेट सेंटर में या तो डायलिसिस कराने को मजबूर होंगे।

एक दिन में होती है तीस डायलिसिस

बेली हॉस्पिटल में पिछले साल पीपीपी मॉडल के तहत हेरिटेज हॉस्पिटल लिमिटेउ वाराणसी की ओर से हीमोडायलिसिस सेंटर बनाया गया था। इस दस बेड के हॉस्पिटल में मरीजों की फ्री ऑफ कॉस्ट डायलिसिस कराई जाती है। रोजाना तीन शिफ्ट में तीस मरीजों को यह सुविधा मिलती है। जबकि मरीजों की संख्या कहीं अधिक है। निर्धारित बेड होने की वजह से इनको अभी यहां डायलिसिस का मौका नहीं मिल रहा है।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में मिल रही वेटिंग

शासन ने डायलिसिस प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए मरीजों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया ऑनलाइन रखी है। हेरिटेज हॉस्पिटल लिमिटेड वाराणसी की वेबसाइट एसडीआईएस (डायलिसिस इंफॉर्मेशन सिस्टम) के जरिए मरीजों आवेदन करना पड़ता है। फिलहाल इस वेबसाइट पर 60 वेटिंग चल रही है। हालांकि कई मरीज शहर के प्राइवेट हॉस्पिटल्स में पैसे देकर अपनी डायलिसिस करा रहे हैं।

भेजा गया प्रपोजल, नहीं आया जवाब

मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सेंटर की ओर से वाराणसी हेड ऑफिस को बेड की संख्या बढ़ाने का प्रपोजल भेजा गया है। लेकिन अभी तक सुनवाई नहीं हो सकी है। सेंटर अधिकारियों का कहना है कि यहां डायलिसिस करा रहा मरीज केवल तीन कंडीशन में हट सकता है। पहला वह दूसरे शहर चला जाए, दूसरा वह किडनी ट्रांसप्लांट करा ले या फिर उसकी डेथ हो जाए। इसके बाद ही दूसरे मरीज का नंबर लगता है।

यह है डायलिसिस

किडनी के मरीजों के खून को मशीन के जरिए शुद्ध किया जाता है। यह प्रक्रिया तब अपनाई जाती है जब किसी कारणवश मरीज की किडनी ठीक से काम नहीं करती। खून में अनावश्यक तत्वों की संख्या बढ़ने लगती है। ऐसे में सप्ताह में दो से तीन बार हीमोडायलिसिस की जाती है।

अभी हमारे पास दस बेड हैं। इनमें तीन शिफ्ट में तीस मरीजों की डायलिसिस कराई जाती है। वेटिंग में मरीजों की संख्या अधिक है। हमने बेड बढ़ाने का प्रपोजल शासन को भेजा है। अभी उसका जवाब नहीं आया है।

-नीरज, हीमोडायलिसिस सेंटर मैनेजर, इलाहाबाद