रेलवे बोर्ड ने दी सहमति, कमिश्नर और सरकार ने भेजा था प्रस्ताव

ALLAHABAD: 100 साल पुराने कर्जन ब्रिज का अस्तित्व अगले कई सालों तक बरकरार रहेगा। यह जल्द ही इलाहाबाद के बेस्ट हेरिटेज प्लेस के रूप में निखर कर सामने आएगा। कमिश्नर इलाहाबाद के साथ ही पर्यटन विभाग के प्रस्ताव पर रेलवे बोर्ड ने कर्जन पुल को संरक्षित करने और इसे ट्यूरिस्ट प्लेस के रूप में डेवलप करने के प्रस्ताव पर अपनी सहमति जता दी है।

ध्वस्त करने की अटकलों पर विराम

रेलवे बोर्ड द्वारा कर्जन पुल को संरक्षित करने के प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने के बाद इसे ध्वस्त करने के अटकलों पर फिलहाल अब पूरी तरह से विराम लग गया है। तेलियरगंज-फाफामऊ के बीच गंगा पर बना कर्जन ब्रिज रेलवे के लिए अनुपयोगी हो गया था। जिसे ध्वस्त किए जाने की प्लानिंग कुछ दिनों पहले सामने आई थी। जिसका लोगों ने जमकर विरोध किया था। कर्जन पुल जाम में फंसने वालों के लिए जहां एक माध्यम बन चुका था, वहीं दूसरी तरफ भ्रमण स्थल भी बन चुका था। लोगों की मांग पर कमिश्नर ने कर्जन पुल को पर्यटन केंद्र के रूप में डेवलप करने का प्रस्ताव पर्यटन विभाग के जरिये रेल मंत्रालय को भेजा था। जिसमें कहा गया था कि कर्जन पुल को हेरिटेज सम्पत्ति के रूप में डेवलप किया जा सकता है। कमिश्नर के साथ पर्यटन विभाग के तर्को को मानते हुए रेलवे बोर्ड ने कर्जन पुल को संरक्षित किए जाने पर सहमति प्रदान कर दी है।

रेलवे बोर्ड का पत्र पहुंच चुका है। जिसमें कहा गया है कि इलाहाबाद का कर्जन ब्रिज उत्तर प्रदेश सरकार को निर्धारित मुआवजे व अन्य अनौपचारिकताओं के साथ हेरिटेज संरक्षण के लिए हस्तांतरित किया जा सकता है।

एमसी चौहान, जीएम एनसीआर