रायफल से दे रहे ड्यूटी

पुलिस के लिए ये चुनौती है कि  क्रिमनल्स अब ऑटोमेटिक वैपंस चला रहे हैैं स्टेट की पुलिस अभी राइफल से ही ड्यूटी कर रही है। अब पुलिस के पास से थ्री नॉट थ्री को हटकार इन्सास लाने की तैयारी है।

सिपाही को मारी थी गोली

2004 में सिकंदरा थाने में पुलिस को सुधीर गैंग के होने की खबर गणपति अपार्टमेंट में मिली थी। पुलिस ने बिना सोचे-समझे बदमाशों को ललकारा था। सुधीर भदौरिया के शॉर्पशूटर मोहम्मद हाजी उर्फ जावेद ने एक सिपाही को हाईटेक वैपंस से गोली मार दी थी।

ग्रेनेड होती है आर्मी के पास

आगरा के शाहगंज निवासी सुधीर गैंग के सुधीर सहित मोहम्मद हाजी उर्फ जावेद, दयालबाग निवासी ओंकार उर्फ शैट्टी और बुलंदशहर निवासी प्रदीप को पकड़ा है। इनके पास से एके-47, 6 पिस्टल, 15 मोबाइल, दो वाकी-टाकी 5 जिंदा ग्रेनेड और 250 गोलियां बरामद हुई हैं। ग्रेनेड आर्मी के पास ही मिलती है। इसके यूज से बीस मीटर का एरिया धवस्त हो जाता है।

शॉर्प-शूटर

मोहम्मद हाजी उर्फ जावेद सुधीर गैंग का सबसे बड़ा शॉर्प-शूटर है। वैपंस की खरीदारी जावेद ही करता है। पहले मोहन डॉन के लिए काम करता था। सोर्स की बात करें तो जावेद के संबंध मुबंई की डी कंपनी तक हैं। इसके अलावा इसका कोई फोटो और पहचान पुलिस के पास नहीं थी।

शलभ माथुर-एसएसपी आगरा-

पुलिस के पास से थ्री नॉट थ्री को हटाकर इन्सास को लाया जा रहा है। एके-47 का ब्रस्ट फायर होता है। जिसे लॉयन ऑडर में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। हमारी स्वॉट टीम और गर्नर के पास मौजूद है।