-छात्र ने उठाया सवाल, सेकेंड स्टेप का एग्जाम 200 नम्बर का तो परिणाम की घोषणा स्टेप वन और स्टेप टू के छह सौ नम्बर को जोड़कर क्यों

-दिसंबर में शिकायत दर्ज होने के बाद भी यूनिवर्सिटी ने लिया था पुराने पैटर्न पर ही रिजल्ट घोषित करने का निर्णय

ALLAHABAD (19 Feb.): इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की कम्बाइंड रिसर्च इंट्रेंस टेस्ट (क्रेट) के रिजल्ट्स पर लगे अनियमितता के आरोपों का संज्ञान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ले लिया है। इस मामले पर कोर्ट ने अतुल नारायण सिंह की ओर से दाखिल की गई रिट पर सुनवाई करते हुए पूरे मसले को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

दिसंबर में हुई थी शिकायत

बता दें कि एयू के छात्र अतुल नारायण सिंह ने नौ दिसम्बर ख्0क्फ् को वाइस चांसलर से कम्प्लेन की थी। इसमें कहा गया था कि परीक्षार्थी सेकेंड स्टेप का एग्जाम ख्00 नम्बर का देते हैं। जबकि परिणाम की घोषणा स्टेप वन और स्टेप टू के छह सौ नम्बर को जोड़कर की गई। इस शिकायत के बाद क्रेट का प्रासेस तकरीबन दो माह तक खटाई में पड़ा रहा पर क्क् फरवरी को एयू एडमिनिस्ट्रेशन ने डिसीजन लिया कि क्रेट में उसी प्रासेस को फालो किया जाएगा जैसा कि बीतें वर्षो में किया गया है। याचिका पर अगली सुनवाई ख्7 फरवरी को होगी।

ये हैं अतुल के आरोप

एयू के निर्णय से असंतुष्ट छात्र अतुल नारायण सिंह ने कोर्ट में दाखिल याचिका में कई गंभीर सवाल उठाए हैं। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि एयू का नोटिफिकेशन ही यूजीसी रूल्स के विपरीत है। उन्होंने रूल्स का हवाला देते हुए कहा है कि यूजीसी ने ख्009 के अपने एक आर्डर में कहा है कि कुल सीटों का ब्यौरा यूनिवर्सिटी अपनी विज्ञप्ति एवं वेबसाइट पर जारी करेगी। नेट पास कैंडिडेट के लिए अलग से नियम निर्धारण की बात भी कही गई है। अतुल का आरोप है कि उन्होंने ख्00 नम्बर का पेपर दिया और 70 परसेंट नम्बर हासिल किए। जबकि दूसरे कैंडिडेट्स ने सेकेंड स्टेप में उनसे कम नम्बर प्राप्त किए। बावजूद इसके थर्ड स्टेप में स्थान बना लिया।