महिला अध्यापिकाओं के अंतर जनपदीय स्थानांतरण का रास्ता साफ

प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रहीं महिला अध्यापिकाओं के अंतर जनपदीय स्थानांतरण का रास्ता साफ हो गया है। हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार के पांच फरवरी और 6 फरवरी को जारी शासनादेशों को मंजूरी देते हुए अध्यापिकाओं से अंतरजनपदीय स्थानांतरण हेतु ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि तबादलों में पूरी पारदर्शिता बरती जाए और अंतरजनपदीय स्थानांतरण हेतु ऑनलाइन आवेदन लेने के बाद ही स्थानांतरण की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि कोई अधिकारी इसका उल्लंघन करता है तो वरिष्ठ अधिकारी उस पर कार्रवाई करें।

1700 याचिकाएं एक साथ निस्तारित

विभा कुशवाहा, रीता यादव सहित 1700 याचिकाओं को निस्तारित करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने दिया। याचिका पर अधिवक्ता इंद्रराज सिंह, सीमांत सिंह, विभू राय, अनिल सिंह बिसेन, एस त्रिपाठी सहित कई वकीलों ने पक्ष रखा। प्रदेश सरकार की ओर से 6 फरवरी को सचिव बेसिक शिक्षा द्वारा शासनादेश का हवाला देकर कहा गया कि सरकार ने महिलाओं के अंतर जनपदीय तबादले हेतु ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करने का निर्णय लिया है। कोई भी महिला अध्यापिका को बेसिक शिक्षक स्थानांतरण नियमावली के नियम 8 (2) (ध) के तहत विशेष परिस्थिति में आती है। ऐसी अध्यापिका अपने पति के तैनाती वाले जिले या ससुराल के जिले में स्थानांतरण हेतु आवेदन कर सकती हैं। अध्यापिकाओं पर पांच वर्ष की न्यूनतम तैनाती की शर्त लागू नहीं होगी। कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए अध्यापिकाओं के ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करने का निर्देश दिया है।