डीएम ने हाई कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा, सुनवाई 27 को

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संगम एरिया की मलिन बस्ती में रहने वाले 321 परिवारों को बसाने का इंतजाम करने के बाद ही बस्ती को उजाड़ा जाएगा। यह जानकारी डीएम ने अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान हलफनामा दाखिल करके हाई कोर्ट को दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संगम क्षेत्र में स्थित मलिन बस्ती के ध्वस्तीकरण पर रोक के बावजूद कार्यवाही करने के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका पर कुम्भ मेलाधिकारी विजयकरण आनन्द से 4 दिन में जानकारी मांगी है। राज्य सरकार के अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता केआर सिंह ने कोर्ट को तब तक ध्वस्तीकरण न करने का आश्वासन दिया है।

यह आदेश जस्टिस सुनीत कुमार ने सामाजिक कार्यकर्ता अंशु मालवीय, अनुराधा व संगम क्षेत्र मलिन बस्ती संघ की अवमानना याचिका पर दिया है। याचिका पर केके राम व स्मृति कार्तिकेय ने बहस की। याची का कहना है कि 2000 में दाखिल याचिका पर कोर्ट ने मलिन बस्ती को उजाड़ने पर रोक लगा रखी है। पुन: 2017 में ध्वस्तीकरण की नोटिस जारी की गयी तो अवमानना याचिका दाखिल की गयी।

चीफ जस्टिस भोसले को भावभीनी विदायी

इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीबी भोसले को फुलकोर्ट फेयरवेल समारोह में भावभीनी विदायी दी गयी। चीफ जस्टिस ने बार एवं बेंच के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि इनके सहयोग के बिना दूरगामी परिणाम वाले फैसले देना सम्भव नहीं था। सीनियर जस्टिस गोविन्द माथुर ने भोसले की कार्यशैली की तारीफ की और कहा कि इनमें नेतृत्व की अपूर्व क्षमता है। प्रदेश सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल राघवेन्द्र सिंह, बार एसोसिएशन अध्यक्ष आईके चतुर्वेदी, एडवोकेट एसोसिएशन अध्यक्ष एडी सौन्दर्य व भारत सरकार के सहायक सालीसिस्टर जनरल ज्ञान प्रकाश ने श्री भोसले के कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।