देश में मिसाल बनेगी यह पहले, छुट्टियों में निबटाएं जाएंगे लंबित मुकदमे

सभी 68 न्यायाधीशों ने सहमति दी, सीजेआई ने की सराहना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की मर्माहत अपील इलाहाबाद हाईकोर्ट के जजों को व्यथित कर दी गई है। संभवत: इसीलिए उन्होंने इस बार गर्मियों की छु्ट्टियां रद कर मुकदमों के निस्तारण का फैसला किया है। इस बार ग्रीष्मावकाश में भी अदालतें खुली रहेंगी और सभी 68 जज काम करेंगे। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने इस फैसले की सराहना की है।

देश का पहला हाईकोर्ट

लंबित मुकदमों के लिए इस तरह का कदम उठाने वाला इलाहाबाद पहला हाईकोर्ट है। यहां लंबित मुकदमों की बड़ी संख्या है। एक अप्रैल 2016 तक यहां नौ लाख से अधिक मुकदमे लंबित थे। जजों की कमी एक अलग समस्या है। इसे देखते हुए ही हाईकोर्ट ने यह फैसला किया है। चीफ जस्टिस डॉ। डी.वाई चन्द्रचूड की पहल पर 68 जजों ने गर्मी की छुट्टियों में भी न्यायिक काम करने पर सहमति दे दी है। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल एसके सिंह के अनुसार हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्यों ने भी इस पर सहमति जताई है। बार के पदाधिकारियों व सीनियर जजों के साथ इस बाबत बैठक भी हो चुकी है।

वरीयता पर सुनी जाएगी क्रिमिनल अपील

इस दौरान दस साल से अधिक जेल में बंद कैदियों के मुकदमों को वरीयता दी जाएगी। इसके अलावा अन्य वादकारी भी चाहेंगे तो अपने मुकदमे लगवा सकेंगे। सरकार द्वारा दायर क्रिमिनल अपीलों की सुनवाई जज वरीयता के आधार पर करेंगे। कुछ कोर्ट पुराने क्रिमिनल अपीलों की भी सुनवाई करेगी। इस सभी केसों को नोटिफाई कर दिया जाएगा ताकि वकील अपनी सहमति दे सकें। गौरतलब है कि अब तक ग्रीष्मावकाश में सिर्फ विशेष अदालतें ही काम किया करती थीं। ऐसा पहली बार होगा कि हाईकोर्ट गुलजार रहेगा।