नगर निगम और जल संस्थान से हाईकोर्ट ने एक सप्ताह में मांगी रिपोर्ट
पारा गुरुवार को 44 डिग्री सेल्सियस के आंकड़े को पार कर गया। जबरदस्त गर्मी से दिन में सड़कें तक तपने लगती हैं। इसके बाद भी मजबूरी के चलते पब्लिक घरों से निकलती है। कोर्ट के काम से। सरकारी दफ्तरों में काम से। मार्केटिंग के लिए। आदिआदि इस स्थिति में भी नगर निगम या जल संस्थान की तरफ से प्याऊ की व्यवस्था शहर में गिनती की ही है। खुद नगर निगम के आंकड़े बताते हैं औसत पांच वार्ड पर एक प्याऊ की व्यवस्था है। इस स्थिति को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नोटिस ले लिया है। गुरुवार को कोर्ट ने नगर निगम व जल संस्थान के अधिकारियों से एक हफ्ते में रिपोर्ट मांग ली है।
लायंस क्लब की याचिका
यह आदेश चीफ जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड तथा जस्टिस यशवन्त वर्मा की खण्डपीठ ने लायन्स क्लब की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका में नगर में पेयजल (नि:शुल्क) उपलब्ध कराने की मांग की गयी है और कहा गया है कि नगर निगम का दायित्व है कि वह प्याऊ लगाये ताकि शहर में आने वालों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके। कोर्ट ने अधिकारियों को बैठक कर कार्यवाही करने तथा अपनी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
पहले जैसी नहीं रही स्थितियां
बता दें कि शहर में अब पहले जैसी स्थितियां नहीं है कि कुछ दूरी के अंतराल पर हैंडपम्प मिल जाय या सुस्ताने के लिए पेड़ की छांव। तपते हुए निकलने वाले लोगों के लिए गर्मी में चलना बेहद मुश्किल है वह भी तब जबकि सूरज आग उगल रहा हो। मेयर अभिलाषा गुप्ता का कहना है कि नगर निगम की तरफ से कुल 16 स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था की गई है। शहर में कुल वार्डो की संख्या 80 है। यह स्थिति खुद चौंकाने वाली है।
fact file
80
नगर निगम एरिया में कुल वार्ड
16
स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था का नगर निगम का दावा