वैधानिक शिकायत पर मानहानि का मुकदमा नहीं

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बार कौंसिल में अधिवक्ता के खिलाफ शिकायत करने पर शिकायतकर्ता याची के विरुद्ध कायम आपराधिक मुकदमें की सुनवाई पर रोक लगा दी है। याची का कहना है कि किसी के खिलाफ वैधानिक संस्था के खिलाफ शिकायत दाखिल करना प्रकाशन नहीं है। ऐसे में इस शिकायत को लेकर मानहानि का दावा दाखिल नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने याचिका में उठाए गये मुद्दे का विचारणीय माना तथा एसीजेएम मुरादाबाद द्वारा जारी सम्मन व मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने विपक्षी अधिवक्ता मुख्तार अहमद को भी नोटिस जारी की है। यह आदेश जस्टिस सुनीत कुमार ने मास्टर मोहम्मद अतीक की याचिका पर दिया है। याचिका की सुनवाई 6 हफ्ते बाद होगी। याचिका पर अधिवक्ता मंसूर अहमद ने बहस की।

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डीआईओएस पद पर प्रोन्नति का रास्ता साफ

प्रदेश में 63 वरिष्ठ प्रवक्ताओं को जिला विद्यालय निरीक्षक पद पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अन्तरिम आदेश को संशोधित करते हुए विभागीय प्रोन्नति पर लगी रोक हटा ली है। संजीव कुमार सिंह बनाम उप्र राज्य की विशेष अनुमति याचिका पर न्यायमूर्ति चेलमेश्वर तथा न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे की खंडपीठ ने 29 फरवरी को अंतरिम आदेश को संशोधित किया। हाई कोर्ट ने वरिष्ठ निर्धारण तक प्रोन्नति रोक दी थी। जिसे एसएलपी में चुनौती दी गयी है। सुप्रीम कोर्ट ने की जाने वाली नियुक्तियां एसएलपी के निर्णय पर निर्भर करार दिया है।

जस्टिस सुरेंद्र सिंह ने पदभार संभाला.फोटो

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस सुरेंद्र सिंह को औद्योगिक न्यायाधिकरण में पीठासीन अधिकारी बनाया गया है। उन्होंने मंगलवार को पदभार ग्रहण कर लिया। जस्टिस सुरेंद्र सिंह 2008 से 2014 तक इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायाधीश रहे। न्यायमूर्ति होने के साथ सामाजिक सरोकारों में भी उनका उल्लेखनीय योगदान रहा है।