एकलपीठ का आदेश रद, विशेष अपील मंजूर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को ग्राम पंचायत अधिकारी भर्ती में खाली पदों को 21 दिसम्बर 18 तक चयन प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि नियमावली में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि विज्ञापित पदों से 25 फीसदी अधिक का चयन किया जाय ताकि किसी चयनित के द्वारा कार्यभार ग्रहण न करने की दशा में पद खाली न रहने पाये। कोर्ट ने इस तर्क को नहीं माना कि प्रतीक्षा सूची पर 15 नवम्बर 99 से रोक लगी है। कोर्ट ने कहा इस भर्ती मामले में इसे लागू नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने याचियों को 2015 की भर्ती प्रक्रिया के तहत उपलब्ध पदों पर नियुक्ति देने का आदेश दिया है।

कट ऑफ मार्क होने के बाद भी चयन नहीं

यह आदेश जस्टिस गोविन्द माथुर तथा जस्टिस सीडी सिंह की खण्डपीठ ने करुणेश कुमार व दो अन्य की याचिका पर दिया है। फतेहपुर के याचीगण भर्ती चयन परिणाम में कट ऑफ मार्क (पिछड़ा वर्ग) 87 अंक अर्जित किया है किन्तु उन्हें नियुक्ति नहीं दी गयी। न ही कोई प्रतीक्षा सूची जारी की गयी है। यदि किसी चयनित अभ्यर्थी ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया तो पद खाली रह जायेगा। याची अपीलार्थी अधिवक्ता ऋषि कान्त सिंह चौहान ने अपील पर बहस करते हुए कहा कि प्रतीक्षा सूची न होने की वैधता चुनौती याचिका एकलपीठ ने खारिज कर दिया। जिसे अपील में चुनौती दी गयी। कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश पंचायत सेवक सेवा नियमावली 1978 में चयन समिति को यह अधिकार दिया गया है कि साक्षात्कार के बाद मेरिट लिस्ट जारी करे। खाली पदों से 25 फीसदी अधिक का चयन किया जाय। यह व्यवस्था एक प्रकार से प्रतीक्षा सूची ही है। 15 नवम्बर 99 के शासनादेश में कहा गया है कि सिंगल कैडर पोस्ट की भर्ती में वेटिंग लिस्ट नहीं होगी। कोर्ट ने कहा ग्राम पंचायत अधिकारियों की भर्ती में यह लागू नहीं होगा। अतिरिक्त सूची तैयार की जानी चाहिए ताकि यदि कोई ज्वाइन न करे तो चयनित अन्य की उस पर नियुक्ति की जा सके। कोर्ट ने एकलपीठ के आदेश को रद कर दिया है और विशेष अपील मंजूर कर ली है।