- 5 अप्रैल को सरकार ने जारी की थी 41 निकायों के सीमा विस्तार की अधिसूचना

- राज्यपाल को है अधिसूचना जारी करने का अधिकार, सरकार को नहीं: कोर्ट

NANITAL: हाई कोर्ट ने सूबे में निकायों के परिसीमन मामले में सरकार को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने सीमा विस्तार से संबंधित सभी अधिसूचनाओं को खारिज कर दिया है। यह भी कहा है कि परिसीमन की अधिसूचना जारी करने का अधिकार केवल राज्यपाल को है, सरकार को नहीं। परिसीमन की कार्रवाई लोगों पर थोपी नहीं जा सकती। हाई कोर्ट के इस निर्णय के बाद अब निकाय चुनावों को लेकर फिर सस्पेंस बढ़ गया है। इधर, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा है कि निकायों के सीमा विस्तार को लेकर दिए गए एकल पीठ के फैसले के खिलाफ सरकार जल्द विशेष अपील दायर करेगी।

- बीती 5 अप्रैल को राज्य सरकार ने 41 नगर निकायों के परिसीमन की अधिसूचना जारी की थी।

- अधिसूचना में 8 नगर निगम, 22 नगर पालिका व 11 नगर पंचायत थे शामिल।

- ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने बदले में हाईकोर्ट में दी थी चुनौती।

- दायर अपील में कहा गया था कि अधिसूचना जारी करने का अधिकार राज्यपाल को है।

- सरकार ने राज्यपाल की मंजूरी या संस्तुति के बिना परिसीमन संबंधी अधिसूचना जारी कर दी।

- अपील में कहा गया था कि परिसीमन की कार्रवाई में स्थानीय गांवों की सामाजिक स्थिति, आबादी, सांख्यिकीय व भौगोलिक परिस्थितियों को किया गया नजरअंदाज।

- कोटद्वार के मवाकोट समेत 35 अन्य ग्राम प्रधानों ने याचिकाएं की थी दायर

- न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ ने पिछले दिनों सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

- मंडे को दोपहर दो बजे फैसला सुनाते हुए परिसीमन की अधिसूचनाओं को कर दिया गया ख्ारिज।

आयोग की याचिका पर सुनवाई 22 को

कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग की सरकार को चुनाव कराने के निर्देश देने की याचिका पर भी सुनवाई की। आयोग के वकील ने अदालत से कहा कि परिसीमन की अधिसूचना रद होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट के किशन सिंह तोमर बनाम सुप्रीम कोर्ट से संबंधित मामले के फैसले के अनुसार चुनाव कराने की अनुमति प्रदान की जाए। कोर्ट ने अब सरकार का रुख जानना चाहा है। अगली सुनवाई की तारीख 22 मई नियत की है।