देरी पर क्यों न लगाया जाय हर्जाना : कोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आयकर विभाग का उ.प्र। एडवोकेट वेलफेयर फण्ड ट्रस्ट कमेटी का काटा गया टीडीएस 11 अप्रैल 16 तक वापस करने का निर्देश दिया है। साथ ही पूछा है कि टीडीएस वापस करने के वायदे के बाद भी भुगतान न करने पर क्यों न हर्जाना लगाया जाय। कोर्ट ने वर्ष 1983-84 से 1987-88 के बीच कमेटी का काटा गया टीडीएस ब्याज सहित वापस करने का आदेश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता तथा न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी की खण्डपीठ ने उ.प्र। एडवोकेट वेलफेयर फण्ड कमेटी की याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता आलोक कुमार यादव का कहना था कि ट्रस्टी कमेटी को मिलने वाली राशि से टीडीएस काट लिया गया। आयकर देय आमदनी न होने के कारण याची ने टीडीएस राशि की वापसी की मांग की। विभाग ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि याची को रिफण्ड वापसी का हक है और उसे भुगतान किया जायेगा। 19 मई 14 को आयकर विभाग ने हलफनामा दाखिल किया किन्तु रिफण्ड नहीं किया जिस पर यह याचिका दाखिल की गयी है। कोर्ट ने कहा है कि भुगतान न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्यों न भारी हर्जाना लगाकर वसूल किया जाय।