उप्र जल निगम में हुआ है 122 सहायक अभियंताओं का चयन

हाई कोर्ट ने कहा, जांच रिपोर्ट पर निर्भर करेगी नियुक्ति

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ALLAHABAD: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उप्र जल निगम के 122 सहायक अभियंताओं की भर्ती परीक्षा परिणाम में धांधली के आरोप को लेकर दाखिल याचिका पर जांच करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने याचियों की आपत्ति पर जांच कार्यवाही 6 हफ्ते में पूरी करने को कहा है। याचिका में कई सफल अभ्यर्थियों को समान अंक देने तथा साक्षात्कार में अधिकतम अंक देकर सफल घोषित करने तथा नियुक्ति देने का आरोप लगाया है। कोर्ट ने कहा है कि चयन परिणाम के आधार पर की गयी नियुक्तियां जांच के निष्कर्ष पर निर्भर करेगी। याचिका में कई सवालों के गलत उत्तर देने वालों को भी अंक देकर चयन परिणाम में शामिल किया गया है।

पहले नियुक्ति फिर जारी हुई आंसर की

यह आदेश जस्टिस एपी साही तथा डीएस त्रिपाठी की खंडपीठ ने कानपुर देहात के शुभम सचान की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याची को कट ऑफ मार्क से एक ही कम अंक मिले हैं याची का कहना है कि चयन सूची के आधार पर फरवरी 2017 में नियुक्ति पत्र जारी किया गया और इसके बाद उत्तर कुंजी व उत्तर पुस्तिका को ऑनलाइन किया गया। ऐसा जानबूझ कर किया गया ताकि चयन में गड़बड़ी की किसी को जानकारी न होने पाये।

परीक्षा कमेटी को भेजी गई शिकायत

उप्र जल निगम के चेयर मैन आरपी सिन्हा के जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि चयन में गड़बड़ी की शिकायत परीक्षा कराने वाली कमेटी को भेज दी गयी है। यदि शिकायत सही पायी गयी तो नियमानुसार संशोधित चयन परिणाम जारी किया जायेगा। जल निगम ने 19 नवंबर 16 को 122 सहायक अभियंताओं का पद विज्ञापित किया जिसमें 100 अंकों की परीक्षा में 80 अंक लिखित व 20 अंक साक्षात्कार के निर्धारित किये गये। 4 जनवरी 2017 को अंतिम परिणाम घोषित किया गया। जिसे चुनौती दी गयी है।