प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

कहा, अभियुक्तगण मामला लटकाने के लिए राजनीतिक रंग दे रहे

ALLAHABAD: नोएडा के बिसाहड़ा गांव में अखलाक की हत्या के मामले में राज्य सरकार ने सीबीआइ जांच से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामा में सरकार ने स्पष्ट किया है कि पुलिस घटना की निष्पक्ष जांच कर रही है। अभियुक्त मामले को लटकाने की नीयत से इसे राजनीतिक रंग देना चाहते हैं।

याची को प्रतिउत्तर दाखिल करने का मौका

मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति अजय लांबा और न्यायमूर्ति राघवेंद्र की खंडपीठ ने याची को सरकार के जवाब का प्रतिउत्तर दाखिल करने का मौका दिया है। घटना के मुख्य आरोपी के पिता संजय सिंह और सुराज सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है। साथ ही कहा है कि पुलिस द्वारा दाखिल आरोपपत्र रद किया जाए। याची का कहना है कि उसे राजनीतिक रंजिश के कारण फंसाया गया है क्योंकि वह भारतीय जनता पार्टी का सदस्य है। पुलिस ने प्रयोगशाला रिपोर्ट के बिना आरोप पत्र दाखिल कर दिया। कोर्ट ने इस मामले में सरकार से जवाब मांगा था।

28 सितंबर 15 की घटना

प्रदेश सरकार ने जवाब दाखिल कर बताया कि घटना 28 सितंबर 2015 की रात साढ़े 10 बजे की है और प्राथमिकी 11.30 बजे लिखाई गई। अभियुक्तगण का नाम मृतक अखलाक की पत्‍‌नी ने दर्ज कराया जो घटना की चश्मदीद गवाह है। इस घटना में अखलाक का पुत्र भी गंभीर रूप से घायल हुआ है जो कि चश्मदीद गवाह है। पीडि़तों के पास अभियुक्त के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराकर फंसाने की कोई वजह नहीं है। पुलिस ने निष्पक्ष जांच की है और चश्मदीद गवाहों के बयानों के आधार पर आरोप पत्र दाखिल किया गया है। सीबीआइ जांच की मांग सिर्फ मामले को लटकाने के इरादे से की जा रही है।