रामनगर जेटी का निर्माण पूरा करने की अनुमति

वाराणसी में घाट किनारे बने भवनों की मरम्मत की सशर्त छूट

ALLAHABAD (28 April, JNN): इलाहाबाद से हल्दिया तक जल परिवहन शुरू करने के लिए वाराणसी के रामनगर में बन रहे टर्मिनल (जेटी) का निर्माण पूरा करने की अनुमति मिल गई है। इससे गंगा में शिपिंग शुरू करने के लिए जहाजों पर लोडिंग-अनलोडिंग की जा सकेगी। इसके साथ ही वाराणसी के घाटों पर बने भवनों के पुननिर्माण की अनुमति भी मिल गई है।

यह आदेश चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ तथा जस्टिस दिलीप गुप्ता की खण्डपीठ ने वाराणसी की कौटिल्य सोसायटी की जनहित याचिका पर दिया है। इससे पहले अपर सॉलीसिटर जनरल ऑफ इंडिया ने कोर्ट से वाराणसी में रामनगर घाट पर जेटी बनाने की अनुमति मांगी और कहा कि 5.6 हेक्टेयर क्षेत्र में टर्मिनल का निर्माण होना है। जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। उप्र, बिहार, झारखण्ड व पश्चिम बंगाल की 1620 किमी दूरी तक जल परिवहन शुरू किया जाएगा। कोलकाता व पटना में टर्मिनल बन चुका है। कुल 14 टर्मिनल बनाए जाने हैं। कोर्ट ने इसकी मंजूरी दे दी।

जर्जर भवनों की मरम्मत मंजूर

इसी के साथ वाराणसी में गंगा किनारे जर्जर भवनों की मरम्मत व पुनर्निर्माण की अनुमति की मांग में दाखिल राज्य सरकार की अर्जी भी हाईकोर्ट ने मंजूर कर ली । कोर्ट ने वाराणसी विकास प्राधिकरण के संशोधित बाई लॉज के मुताबिक भवनों की मरम्मत की सशर्त छूट दे दी है। कहा है कि पुनर्निर्माण में भवनों का स्वरूप न बदला जाए तथा उसके राष्ट्रीय धरोहर के महत्व को बरकरार रखा जाए। कोर्ट ने नए भवन निर्माण पर रोक बरकरार रखी है।

वाराणसी में 5 नए घाट बनाने तथा पुराने घाटों की मरम्मत की अनुमति की मांग में दाखिल अर्जी की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को केंद्र व राज्य के अधिकारियों की गठित 10 सदस्यीय कमेटी के समक्ष प्रस्ताव रखने को कहा है। कमेटी को 15 दिन में बैठक कर दो माह में घाटों की मरम्मत निर्णय लेने का आदेश दिया गया है। राज्य सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता रमेश उपाध्याय ने कहा कि जर्जर हो चुके पुरातात्विक भवनों में भारी संख्या में लोग निवास करते हैं। दुर्घटना में क्षति को टालने के लिए इनकी मरम्मत जरूरी है। कोर्ट ने न्यायमित्र मनीष गोयल की रिपोर्ट पर भी विचार किया और कहा कि भवनों का बाह्य स्वरूप बिना बदले पुनर्निर्माण किया जाए। अभी तक कोर्ट ने किसी प्रकार के निर्माण पर रोक लगा रखी थी। सहायक सॉलीसिटर जनरल ज्ञान प्रकाश ने कोर्ट को बताया कि भवनों की मरम्मत व धरोहर को संरक्षित रखने की निगरानी कमेटी गठित कर दी गई है। पर्यटन व पर्यावरण विभाग की तरफ से अधिवक्ता स्वाति अग्रवाल व बीडीए की तरफ से विवेक वर्मा ने पक्ष रखा। अगली सुनवाई 27 मई को होगी।