ऑटो फ्यूल पॉलिसी के क्रियान्वयन पर न्यायालय गंभीर, सरकार से मांगा जवाब

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि प्रदेश में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार की ऑटो फ्यूल पॉलिसी 2003 लागू करने के लिए क्या प्रभावी कदम उठाए गए हैं। यह आदेश एक्टिंग चीफ जस्टिस वीके शुक्ला व जस्टिस एमसी त्रिपाठी की खण्डपीठ ने विवेक त्रिपाठी द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर दिया है।

अदालत ने सरकार से यह भी स्पष्ट करने को कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित रखने के लिए सरकार अपनी योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन क्यों नहीं कर रही है। जनहित याचिका दाखिल कर कहा गया कि प्रदेश में ऑटो फ्यूल पॉलिसी 2003 का प्रभावी क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा है। जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है। प्रदेश के कई शहरों में प्रदूषण निर्धारित मानक के ऊपर है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। न्यायालय ने प्रदेश सरकार से छह सप्ताह में जवाब मांगा है।

सीवाई चिंतामणि रोड का नाम पुन: वापस

इलाहाबाद स्थित सीवाई चिंतामणि मार्ग का नाम बदलकर रवि बधावन मार्ग रखने के नगर निगम के निर्णय के विरुद्ध दाखिल जनहित याचिका को गंभीरता से लिया है। आज नगर निगम ने जवाब दाखिल कर कहा कि सीवाई चिंतामणि रोड का नाम पुन: स्थापित कर दिया है। यह आदेश मुख्य कार्यवाहक न्यायमूर्ति वीके शुक्ला व न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने डॉ। कृष्ण स्वरूप आनन्दी की जनहित याचिका पर दिया है। जनहित याचिका में कहा गया कि स्वतंत्रता सेनानी के नाम की रोड का नामकरण परिवर्तित करना गलत है। नगर निगम ने यह भी कहा कि वह शीघ्र इस संदर्भ में नीति बनाने जा रही है। न्यायालय ने नाम वापस लेने पर याचिका को निस्तारित कर दिया।