जौहर विश्वविद्यालय परिसर स्थित जिला सहकारी बैंक के जरिए काला धन सफेद करने का आरोप

ALLAHABAD (17 Dec, JNN): हाईकोर्ट ने सपा सरकार के कद्दावर मंत्री आजम खां पर पुराने नोटों का काला धन बदलवाने तथा अन्य आरोपों की जांच स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है। याचिका रामपुर के व्यवसायी फैसल खान लाला ने दाखिल की थी। याची रामपुर जिला कांग्रेस का महासचिव भी है। याचिका पर न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रेखा दीक्षित ने सुनवाई की।

याची के खिलाफ रामपुर में 2010 से 2016 के बीच जानलेवा हमला सहित कई संगीन धाराओं में चार मुकदमे दर्ज हुए हैं। उस पर थाना सिविल लाइंस में पुलिस के साथ मारपीट करने और बलवा करने का भी मुकदमा दर्ज है। उसने याचिका दाखिल कर कहा कि याची को आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से टिकट मिला है। सपा नेता आजम खां भी इसी विधानसभा से प्रत्याशी होंगे। उनके बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता है। याची का आरोप है कि आजम खां उसके ऊपर कई बार जानलेवा हमला करवा चुके हैं। उसकी फैक्ट्रियों के लाइसेंस उन्होंने रद्द करवा दिए और बिल जमा होने के बावजूद बिजली कटवा दी। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भी आजम खां के मीडिया प्रभारी सहित कई लोगों ने उस पर हमला किया था। उसका एनकाउंटर कराने की भी कोशिश की गई।

याची ने राज्यपाल को प्रत्यावेदन देकर आरोप लगाया है कि जौहर विश्वविद्यालय परिसर में स्थित जिला सहकारी बैंक में आजम खां का काला धन सफेद किया गया है जिसकी जांच कराई जाए और बैंक की मॉनीटरिंग कराई जाए। हाईकोर्ट से मांग की गई कि याची और आजम खां के खिलाफ सभी आरोपों की जांच स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराई जाए। अपर महाधिवक्ता इमरान उल्लाह और शासकीय अधिवक्ता विकास सहाय ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याची के खिलाफ सभी मुकदमों में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। याचिका पोषणीय नहीं है। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।