इलाहाबाद के बाल सुधार गृहों के निरीक्षण के लिए गठित हुई वकीलों की कमेटी

हाई कोर्ट ने दिया आदेश, अफसरों की मौजूदगी में कराई जाएगी फोटोग्राफी

बाल सुधार गृहों में बंद बच्चों का भविष्य संवारने के लिए किए जा रहे सरकार के प्रयासों और उन्हें दी जा रही बेसिक फेसिलिटीज के दावों की पोल वकीलों की टीम खोलेगी। गुरुवार को हाई कोर्ट ने इलाहाबाद के बाल सुधार गृहों की हालत का जायजा लेने के लिए तीन वकीलों का पैनल गठित कर दिया। प्रभाकर अवस्थी, विवेक सिंह व ऋतिका तिवारी की टीम निरीक्षण कर फोटोग्राफी के साथ रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश करेगी। याचिका की सुनवाई 10 अक्टूबर को होगी। यह आदेश जस्टिस अरुण टण्डन तथा ऋतुराज अवस्थी की खण्डपीठ ने दिया है। राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी व स्थायी अधिवक्ता वीके चन्देल ने कोर्ट को सुधार गृह के प्रबन्धन का चार्ट पेश किया और बताया कि सरकार सुधारात्मक प्रयास कर रही है।

सरकार के इंतेजाम

इलाहाबाद में बालकों के सुधार गृह में 10 रिहायशी कमरे हैं

यहां रहने वाले बालकों के लिए 6 वाशरूम बनाए गए हैं

बच्चों को पढ़ाने के लिए तीन अध्यापकों की नियुक्ति है

तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षा के अध्यापक भी आते हैं

बच्चों को मोबाइल रिपेयरिंग की भी शिक्षा दी जा रही है

बालिग होने के बाद कैदियों को जेल में शिफ्ट कर दिया जाता है

कोर्ट ने कहा

बाल सुधार गृहों को दी जा रही सुविधाओं का सत्यापन होगा

इसके लिए वकीलों की कमेटी गठित, यह टीम सत्यापन रिपोर्ट कोर्ट को देगी

कमेटी यह भी देखेगी कि कानूनी उपबन्धों का पालन हो रहा है या नहीं

कमेटी का हेड प्रभाकर अवस्थी को बनाया गया है

वह अपने दौरे की सूचना जिलाधिकारी को एक दिन पहले देंगे

तय दिन व समय पर निरीक्षण करने में जिलाधिकारी सहयोग देंगे

फोटोग्राफर का भी इंतजाम जिलाधिकारी द्वारा किया जायेगा

वह दिनभर कमेटी के साथ रहेगा और एक्चुअल हालात की फोटो खींचेगा।