हाई कोर्ट का निर्देश, 10 दिन में पूरा करें सर्वे, शुरू करावें सिविल व इलेक्ट्रिक कार्य

रात में विमान लैंडिंग के लिए उपकरण लगाए प्राधिकरण

बम्हरौली एयरपोर्ट पर रात में विमानों की लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए हाई कोर्ट के निर्देश से काम में तेजी आना तय है। मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बम्हरौली एयरपोर्ट के सिविल एन्क्लेव में तब्दील करने तथा रात में विमानों की लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए उपकरण लगाने की प्रक्रिया के लिए सर्वे का काम दस दिन में पूरा करने का निर्देश दिया। एयरपोर्ट अथॉरिटी से कहा कि वह निर्धारित सीमा 10 दिन में सर्वे पूरा होने के बाद सिविल व इलेक्ट्रिकल कार्य शुरू कराने के साथ लैंडिंग उपकरण लगाना शुरू करे। कोर्ट ने अथॉरिटी के इस कार्य में वायु सेना को पूरा सहयोग करने का भी आदेश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी।

जनहित याचिका पर फैसला

यह आदेश चीफ जस्टिस डॉ। डीवाई चंद्रचूड़ तथा जस्टिस यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने अधिवक्ता अजय कुमार मिश्र की जनहित याचिका पर दिया है। बता दें कि नाइट लैंडिंग की सुविधा न होने से इलाहाबाद में फ्लाइट सेवा का विस्तार नहीं हो पा रहा है। सर्दियों में यहां लो विजिबिलिटी के चलते फ्लाइट को कैंसिल कर दिया जाता है। इसका समाधान ढूंढने के लिए यह याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कोर्ट के समक्ष यह भी सवाल उठाया गया कि विमान लैंडिंग उपकरण लगाने में आ रही अड़चनों को दूर किया जाना चाहिए। साथ ही एयरपोर्ट पर हुए अतिक्रमण को भी हटाया जाए। कोर्ट ने जिला प्रशासन को अतिक्रमण हटाने में सेना की मदद लेने का आदेश दिया है।

देखभाल करेगी एयरपोर्ट अथॉरिटी

एयरपोर्ट अथॉरिटी का यह भी कहना था कि अथॉरिटी विमान लैंडिंग उपकरण लगा देगी किंतु इसकी देखभाल का जिम्मा वायुसेना को सौंपा जाए क्योंकि वही शुल्क वसूल रही है। इस पर कोर्ट ने अन्य हवाई अड्डों के रखरखाव के बारे में पूछा और कहा कि जो उपकरण लगा रहा है उनकी सुरक्षा व निगरानी उसी को करनी चाहिए।

Fact File

राज्य सरकार के तीन गांवों की 3.0512 हेक्टेयर जमीन हवाई अड्डे के विस्तार व रनवे के लिए अधिगृहीत की गई है

28 किसानों की सहमति ली गई है

290 करोड़ मुआवजे के लिए खर्च होंगे

9500 रुपये प्रति बीघा मुआवजा तय है। राज्य सरकार पूरा सहयोग कर रही है।