इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ईसीसी से नगर निगम की सम्पत्ति कर वसूली आदेश के मामले में कोर्ट आदेश का पालन न करने पर मुख्य टैक्स निर्धारण अधिकारी पीके मिश्रा से जानकारी मांगी है और याचिका को सुनवाई हेतु 15 नवंबर को पेश करने का आदेश दिया है। यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र ने यूइंग क्रिश्चियन कालेज के प्राचार्य की अवमानना याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता सुभाष घोष ने बहस की। मालूम हो कि नगरनिगम ने कालेज को सम्पत्ति कर जमा करने का आदेश दिया। जमा न करने पर कालेज का खाता सीज कर दिया। याची का कहना था कि धारा 285 के तहत केन्द्रीय विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कालेज से सम्पत्ति कर नहीं लिया जा सकता। इस पर कोर्ट ने नगर निगम को जब्त खाता मुक्त करने तथा सम्पत्ति कर पर 6 हफ्ते में निर्णय लेने का आदेश दिया था। खाता जब्ती आदेश वापस ले लिया किन्तु सम्पत्ति कर लगाने के प्रकरण पर निर्णय नहीं लिया जिस पर यह अवमानना याचिका दाखिल की गयी है।

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संविदा स्वास्थ्य सेविकाओं की नियमित नियुक्ति का रास्ता साफ

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 141 स्वास्थ्य सेवकों को भी 2016 की सीधी भर्ती में प्रशिक्षण बैचवार वरिष्ठताक्रम से नियुक्ति करने का राज्य सरकार को निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि प्रशिक्षण के समय अर्हता पर ही नियुक्ति में शामिल किया जाय। बाद में शैक्षिक योग्यता के आधार पर कार्यवाही न की जाय। यह आदेश जस्टिस एसआर मौर्य ने पिंकी सरकार व 140 अन्य स्वास्थ्य सेवकों की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता संतोष कुमार सिंह पालीवाल ने बहस की। सरकार ने पहले ही आयु सीमा में छूट दे रखी है। कोर्ट के आदेश से वर्षो से संविदा पर कार्यरत सेवक-सेविकाओं को नियमित नियुक्ति पाने का रास्ता साफ हो गया है।