प्लॉट आवंटन घोटाले में हैं सजायाफ्ता

ALLAHABAD (2 May, JNN): इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आईएएस अधिकारी पूर्व प्रमुख सचिव राजीव कुमार को बर्खास्त करने की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर हस्तक्षेप से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 10 को

जस्टिस दिलीप गुप्ता तथा जस्टिस आरके कक्कड़ की खण्डपीठ ने जेएफ रिबेरो व अन्य पूर्व अधिकारियों की ओर से दाखिल इस याचिका पर सुनवाई की। राज्य सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता शशि नन्दन व अनूप त्रिवेदी ने जवाबी हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया कि राजीव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की है जिसकी सुनवाई 10 मई को होनी है। सजा के आधार पर सरकार सीधे बर्खास्तगी नहीं कर सकती। इसके लिए नियमानुसार विभागीय जांच की जानी चाहिए। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। बर्खास्तगी की मांग समय पूर्व होने के कारण बलहीन है जबकि याची के अधिवक्ता सतीश चतुर्वेदी का कहना था कि राजीव कुमार को नोएडा में तैनाती के दौरान प्लॉट आवंटन घोटाले में भ्रष्टाचार का दोषी करार देते हुए सीबीआइ कोर्ट ने तीन साल की कैद व 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। इस सजा के खिलाफ अपील हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। आरोपी जमानत पर है। राज्य सरकार को ऐसे अधिकारी को बर्खास्त करना चाहिए। कोर्ट ने इस तर्क को बलहीन माना और याचिका खारिज कर दी।