तैयारी: इलाहाबाद हाईकोर्ट में शनिवार को भी बैठेंगी विशेष अदालतें

16 से होनी है शुरुआत, इलाहाबाद में छह, लखनऊ में चार पीठें करेंगी सुनवाई

हाई कोर्ट में शनिवार को भी काम शुरू किए जाने की अधिसूचना गुरुवार को चीफ जस्टिस डीबी भोंसले ने जारी कर दी। मुकदमों का बोझ कम करने के लिए की जा रही इस यूनीक पहल को सफल बनाने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में तीन डबल और तीन सिंगल तथा लखनऊ में दो डबल और दो सिंगल बेंच का गठन किया गया है। कौन सी बेंच में किस तरह का मुकदमा देखा जाएगा इस जिम्मेदारी का बंटवारा भी चीफ जस्टिस डीबी भोंसले ने कर दिया है।

क्यों आई ऐसी नौबत

इलाहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन आपराधिक अपीलों की इतनी अधिक संख्या है कि 1985 में दाखिल अपील की सुनवाई का अब नंबर आया है

सुनवाई में देरी के कारण जेलों में बंद सैकड़ों कैदी रिहाई की बाट जोह रहे हैं

इस इनीशिएटिव से जेलों में बंद कैदियों को त्वरित न्याय मिलेगा

जेलों में कैदियों की भीड़ कम होगी

कैदियों को सजा मिलने से पीडि़तों को इंसाफ मिल सकेगा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट

जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस आरएन कक्कड़ की खंडपीठ

जस्टिस बच्चूलाल और जस्टिस अनिरुद्ध सिंह की खंडपीठ

जस्टिस विजय लक्ष्मी तथा जस्टिस इफाकत अली खान की खंडपीठ,

(यह खंडपीठें जेल अपील व क्रिमनल अपील की सुनवाई करेंगी)

जस्टिस मुख्तार अहमद

जस्टिस बीके मिश्रा

जस्टिस प्रत्यूष कुमार

(ये एकल पीठें दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482, 483 की अर्जियों, जेल अपील, जेल पुनरीक्षण, आपराधिक पुनरीक्षण व आपराधिक अपीलें सुनेंगी)

लखनऊ खंडपीठ में

जस्टिस विक्रमनाथ तथा जस्टिस बीएस त्रिपाठी की खंडपीठ

जस्टिस महेंद्र दयाल तथा जस्टिस रंगनाथ पांडेय की खंडपीठ

(जेल अपील व क्रिमनल अपील की सुनवाई करेंगी)

जस्टिस संजय हरकौली

जस्टिस रेखा दीक्षित

(एकल पीठ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482, 483 की अर्जियों, जेल अपील, जेल पुनरीक्षण, आपराधिक पुनरीक्षण व आपराधिक अपीलें सुनेंगी)

वकील तैयार होंगे तभी सुने जाएंगे मुकदमे

छुट्टी के दिन शनिवार को विशेष अदालतें संचालित करने में इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्यों का विरोध भी है। इस विरोध के मद्देनजर चीफ जस्टिस डीबी भोंसले ने कहा है कि विशेष अदालतों में केवल वही मुकदमे सुने जाएंगे जिनमें वकील बहस को तैयार होंगे या जिनमें न्यायमित्र नियुक्त होंगे। इसके परिणाम स्वरूप जेल अपीलों की ही सुनवाई हो सकेगी।

221 दिन काम होता है हाई कोर्ट में

140 दिन अवकाश होता है संडे मिलाकर

30 वर्किंग डे बढ़ जाएंगे शनिवार की कोर्ट से