केस की निष्पक्ष विवेचना कर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश

हाई कोर्ट ने DGP से कहा, धूमनगंज पुलिस से कराएं आदेश का पालन

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धूमनगंज थाने में दर्ज रंगदारी न देने पर जान से मारने की धमकी देने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी की निष्पक्ष विवेचना कर तीन माह में रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने प्रदेश के डीजीपी को आदेश का अनुपालन कराने का आदेश देते हुए रिपोर्ट भी मांगी है।

जान से मारने की दी गई है धमकी

यह आदेश जस्टिस रमेश सिन्हा तथा यूसी श्रीवास्तव की खण्डपीठ ने श्रीमती सुधा आजाद की याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता आरपी सिन्हा ने बहस की। इनका कहना है कि याची के पति आबकारी विभाग के अधिकारी दिनेश बाबू ने उमरपुर नीवा में जमीन खरीदी और बाउन्ड्रीवाल बना गेट लगा दिया। जब वह मकान बनाने का सामान गिराने लगे तो फोन पर धमकी दी गयी और कहा गया कि रंगदारी दे नहीं तो मकान नहीं बनने देंगे। पुलिस भी उनकी जेब में है। कोई कार्यवाही नहीं होगी। इस घटना की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है।

एक साल से लटकाए है धूमनगंज पुलिस

याची ने धूमनगंज पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत का आरोप लगाया और कहा कि एक साल पहले दर्ज प्राथमिकी की विवेचना नहीं की जा रही है और आरोपी का नाम बताने के बावजूद पुलिस ने गिरफ्तारी नहीं की है। याची ने धूमनगंज पुलिस से निष्पक्ष विवेचना की उम्मीद न होने के आधार पर निष्पक्ष विवेचना की मांग की। कोर्ट ने निष्पक्ष विवेचना करने का आदेश दिया और डीजीपी को आदेश का पालन सुनिश्चित कराने का आदेश दिया है।