हाई कोर्ट ने पांच हजार करोड़ आयकर बकाये की नोटिस पर रोक लगाई, आयकर विभाग से मांगा जवाब

ALLAHABAD: पांच हजार करोड़ से अधिक आयकर बकाये के मामले में बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से ग्रेटर नोएडा को बड़ी राहत मिली। अदालत ने वसूली कार्यवाही पर रोक लगा दी है और आयकर विभाग से दस दिन में याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 21 जनवरी को होगी। यह आदेश जस्टिस तरुण अग्रवाल और जस्टिस बीके बिड़ला की खण्डपीठ ने ग्रेटर नोएडा की तरफ से दाखिल याचिका पर दिया है।

अथॉरिटी को आयकर से मिली है छूट

अथॉरिटी की तरफ से सुप्रीमकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पी। चिदंबरम ने पक्ष रखा जबकि आयकर विभाग की ओर से अशोक मेहता, अशोक कुमार व शुभम अग्रवाल ने बहस की। याची का कहना है कि आयकर अधिनियम की धारा 10 (20) के अन्तर्गत अथॉरिटी को छूट प्राप्त है। आयकर विभाग ने वर्ष 2007-08 वर्ष 2011-12 के रिटर्न के असेसमेन्ट में आयकर का भुगतान न करने की कार्यवाही की थी। 29 मार्च 14 को असेसमेन्ट हुआ जिसे अपील में चुनौती दी गयी। अपील खारिज हो गयी। इस आदेश को अधिकरण में चुनौती दी गयी। अधिकरण ने 9 जनवरी 15 को अपील पर पारित आदेश रद किया जिसे हाईकोर्ट ने भी सही माना। असेसमेन्ट कार्यवाही रद कर दी गयी। इसके बाद उन्हीं तथ्यों पर विभाग ने नये सिरे धारा 143 की अनिवार्य नोटिस न देकर धारा 148 की नोटिस दी जिसमें 2011-12 का असेसमेन्ट करने का निर्देश दिया गया है जबकि प्राधिकरण 2013 में रिटर्न भर चुका है।