कोर्ट ने पूछा, कैंसर रोगियों को दी जाने वाली सुविधाएं क्रियाशील क्यों नहीं, सुनवाई 26 जुलाई को

ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जेके कैंसर इंस्टीटयूट कानपुर नगर के मेंटीनेंस बजट व सुविधाओं के ब्योरे के साथ प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य उप्र से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी। कोर्ट ने पूछा है कि इंस्टीटयूट में कैंसर मरीजों के लिए दी गयी सुविधाओं को क्यों क्रियाशील नहीं किया जा रहा है।

मूलभत सुविधाएं नहीं

यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन तथा न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल की खंडपीठ ने जन उत्थान विधिक सेवा समिति की जनहित याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि राज्य सरकार ने 280 प्रकार के कैंसर का मुफ्त इलाज की अधिसूचना जारी की है, किंतु अस्पताल में मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं करायी गयी हैं।

सरकार ने अस्पताल का निर्माण कराया, किंतु रखरखाव के लिए फंड की व्यवस्था नहीं की गयी है असुविधाओं के कारण मरीजों के इलाज की योजना को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। राज्य सरकार के स्थायी अधिवक्ता एके राय ने कोर्ट को बताया वर्ष 2006-07 से लगभग राज्य सरकार भवन निर्माण सहित अन्य मदों में फंड मुहैया करा रही है। 20925 रुपये अतिरिक्त फंड मांगा गया है। इंस्टीटयूट में प्रवक्ता के 15 पदों में से 13 की नियुक्ति की गयी है। इसके अलावा एक चिकित्सा अधिकारी, एक मैट्रन, लिपिक के 51 पदों में से 39 तथा चतुर्थ श्रेणी के स्वीकृत 64 पदों में से 27 पदों पर नियुक्ति की जा चुकी है। राज्य सरकार इंस्टीट्यूट को पूर्णरूप से इलाज के लिए उपयुक्त बनाने व मुफ्त इलाज की योजना को अमल में लाने का प्रयास कर रही है। कोर्ट ने असंतोष प्रकट करते हुए प्रमुख सचिव से उठाए गए कदमों पर व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है।