इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसहारा वयोवृद्ध नागरिकों की सुरक्षा व देखभाल के लिए प्रत्येक जिले में वृद्धाश्रम बने तथा अधिकरण एवं अपीलीय अधिकरण गठित किया जाय। कोर्ट ने मेंटीनेन्स आफीसर नियुक्त करने के साथ ही ख्007 में बने कानून का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को तीन माह के भीतर कानून को लागू करने के आदेश जारी करने का निर्देश दिया है। यह आदेश जस्टिस तरुण अग्रवाल तथा अशोक कुमार की खण्डपीन ने कु। जानकी देवी व अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

 

यह है पूरा मामला

याची बेसिक शिक्षा अधिकारी पद से सेवानिवृत्त अकेली अविवाहित 7भ् वर्षीय असहाय महिला है

न तो वह बोल सकती है और न ही लिख सकती है। लगभग कोमा की हालत में है।

एक नजदीकी महिला ने पंजाब नेशनल बैंक में संयुक्त खाता खुलवाया और याची के पेंशन खाते से ख्ख्.भ्0 लाख रुपये स्थानान्तरित कर लिए तथा धीरे-धीरे क्8 लाख निकाल लिया गया

इसके बाद पेंशन खाते से धनराशि स्थानान्तरित न होने पर देखभाल की समस्या खड़ी हुई

कोर्ट ने जब व्यवस्था तंत्र की जानकारी मांगी तो सरकार को ऐसे कानून का पता चला और निर्देश जारी किया गया

कोर्ट को बताया गया कि जिलाधिकारी धन स्वीकृत करने के अधिकारी हैं। जिला समाज कल्याण अधिकारी को नामित किया गया है।

कोर्ट ने कहा कि असहाय व वृद्ध नागरिक समाज के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं। उनके जीवन व सम्पत्ति की सुरक्षा की जानी चाहिए।

जिला मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में सीएमओ, मुख्य ट्रेजरी अधिकारी व बीएसए व जिला समाज कल्याण अधिकारी की कमेटी याची की व्यवस्था व देखभाल करे। कमेटी का संयोजक मुख्य ट्रेजरी अधिकारी होगा

जिला समाज कल्याण अधिकारी हफ्ते में एक बार विजिट कर याची की दवा आदि की व्यवस्था कर बिलों को पास कराये

वह डीएम को रिपोर्ट दे। सीएमओ इलाज व दवा की व्यवस्था कर दैनिक जरूरते पूरी हो। जरूरी हो तो वृद्धाश्रम में शिफ्ट करें।