पार्किंग की व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं, अफसरों की क्लास लगी

कारण, डिवाइडर का जाल हो या फिर फुटपाथ और सड़कों के किनारे अवैध कब्जा, शहर में सड़कें बेहद संकरी दिखने लगी हैं। इसका इम्पैक्ट पब्लिक जाम के रूप में झेलती है। पब्लिक के लिए वाहन पार्क करने की व्यवस्था भी संतोषजनक नहीं है। इन मुद्दों पर हाईकोर्ट ने इलाहाबाद के जिलाधिकारी व एसएसपी को घेरा। उनके प्लान को कोर्ट ने आलमोस्ट खारिज कर दिया और कहा कि टाइमपास व्यवस्था पर काम करने के स्थान पर स्थायी हल खोजें। कोर्ट ने दोनों अफसरों से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है और पूछा है कि हाईकोर्ट कैंपस के आसपास दो पहिया वाहन पार्क करने के लिए कितनी जगह चाहिए, कोर्ट ने कहा कि आम लोगों को असुविधा न हो इसके लिए जो भी करना हो किया जाए। जस्टिस अरुण टंडन तथा संगीता चंद्रा की खंडपीठ के समक्ष जिलाधिकारी ने हलफनामा दाखिल कर वाहन पार्किंग व्यवस्था की जानकारी दी, जिसे कोर्ट ने संतोषजनक नहीं माना। बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष पंकज उपाध्याय कोर्ट में मौजूद रहे।

कोर्ट ने कहा

एडीए व नगर निगम से शहर की सड़कों का रिकार्ड लेकर रोड पटरी व नाली से अतिक्रमण हटाया जाए

चौड़ी सड़कें संकरी कैसे हो गई, इसका कारण खोजें

एडीए नोटिस देकर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ शहरी योजना एवं विकास अधिनियम की धारा 26 (ए) के अंतर्गत कार्यवाही करे

वाहन पार्किंग के संबंध में बार एसोसिएशन से भी प्रस्ताव लिया जाय

समस्या का स्थायी हल निकालने पर काम करें, अस्थाई व्यवस्था ठीक नहीं

शहरी योजना अधिकारी से भी इस पर बात की जानी चाहिए

याचिका की अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी

शहर की सड़कें संकरी कैसे हो गई? इसका जवाब मिलना चाहिए। साथ ही पार्किंग के लिए स्थायी साल्यूशन पर काम करें।

इलाहाबाद हाई कोर्ट