प्राइमरी स्कूलों की दशा पर हाई कोर्ट में दाखिल हुई रिपोर्ट से खुलासा

दशा सुधारने के निर्देश, प्रमुख सचिव बेसिक से 22 सितम्बर को कार्यवाही रिपोर्ट तलब

प्राइमरी स्कूलों की हालत बेहद खस्ता है। बाउंड्रीवाल कहीं है कहीं नहीं। स्कूलों की छत जर्जर हो चुकी है। बरसात में पानी टपकता है। इसी में बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते हैं। मवेशी घूमते रहते हैं। कुछ स्कूलों के सामने ही इसका वध भी होता है। यह चौंकाने वाली रिपोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को पेश की गई। इस पर गंभीर कोर्ट ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को 22 सितंबर को कार्यवाही रिपोर्ट के साथ तलब कर लिया है।

छात्रों ने दाखिल की जनहित याचिका

यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले तथा जस्टिस यशवन्त वर्मा की खण्डपीठ ने कार्तिक गोयल व 12 अन्य लॉ छात्रों की जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त कर प्राइमरी स्कूलों की निरीक्षण कर हालत की रिपोर्ट मांगी थी। उदयन नन्दन ने स्कूलों का निरीक्षण करने के बाद अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। कोर्ट ने अधिवक्ता आयुक्त की रिपोर्ट पर चार हफ्ते में कार्यवाही करने का आदेश दिया है। सुनवाई 22 सितम्बर को होगी।

रिपोर्ट में खुलकर आया सच

प्राइमरी स्कूल बाउन्ड्रीवाल से सुरक्षित नहीं है

भवन की हालत जर्जर है जिसमें बच्चों को पढ़ने के लिए विवश होना पड़ता है

मानसून में छत ठपकती है। टायलेट व पेयजल की सुविधा नहीं है।

स्कूलों के आसपास का माहौल भी ठीक नहीं है

एक स्कूल से 200 मीटर पर शराब की दूकान है तो एक की फील्ड में पशुओं का वध होता है

कोर्ट ने दिया निर्देश

बच्चों को ऐसी हालत में नहीं रखा जा सकता

प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को समयबद्ध योजना बनाकर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कदम उठाएं

सचिव बेसिक शिक्षा विभाग के सम्बन्धित अधिकारियों को स्कूलों में टायलेट व पेयजल आपूर्ति व्यवस्था के तत्काल कदम उठाने के आदेश दें

स्कूलों में विद्युत कनेक्शन देने का इंतेजाम करें

बिल जमा न करने से काटी गई बिजली की आपूर्ति फिर से बहाल करावें

बीएसए स्कूलों का निरीक्षण कर मानकों का पालन करायें

स्कूलों में आधार भूत ढांचे के साथ टायलेट, पानी आदि सुविधाएं उपलब्ध कराएं

स्कूलों में आधारभूत सुविधाओं का अभाव बेहद चिंताजनक है। चरणबद्ध योजना बनाकर इसे दुरुस्त कराया जाय।

-इलाहाबाद हाई कोर्ट