ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नारी निकेतन मथुरा में निरुद्ध भ्0 वयस्क लड़कियों को शीघ्र छोड़ने का आदेश दिया है। इन लड़कियों को कोर्ट में पेश किया गया था। चिकित्सा जांच व अन्य साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने पाया कि लड़कियां बालिग हो चुकी हैं तथा मानसिक रूप से स्वस्थ हैं। जब इन्हें नारी निकेतन में लाया गया था तब वे नाबालिग थीं। यह आदेश जस्टिस अमर सरन व रंजना पांड्या की खण्डपीठ ने अन्नो उर्फ अन्नी की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि वयस्क महिला को कानूनी हक है कि वह अपनी मर्जी से जहां चाहे रह सकती हैं। ऐसे मामलों में अदालत का कोई सरोकार नहीं होता। अधिकारियों को स्वयं इस संबंध में निर्णय ले लेना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि महिला सुधार गृह या नारी निकेतन में महिलाओं के साथ जो बर्ताव होता है, उसे वहां रह रही लड़कियां ही बता सकती हैं। यह वैसे ही है जैसे जूता पहनने वाला ही जान सकता है कि उसके पैर में क्या परेशानी हो रही है।