कोर्ट ने हलफनामे की सत्यता पर उप निदेशक से मांगा जवाब

वन विभाग के दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को न्यूनतम वेतनमान एवं सेवा नियमितीकरण आदेश का पालन कराने के लिए दाखिल अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने गंभीर कदम उठाया है। कोर्ट ने प्रदेश के उपनिदेशक सामाजिक वानिकी एनके जानू से कहा है कि वह 70 जिला वन अधिकारियों की वरिष्ठता सूची की सत्यता पर हलफनामा दें। कोर्ट ने प्रमुख सचिव व मुख्य वन संरक्षक से भी इन अधिकारियों के हलफनामों की सत्यता पर हलफनामा मांगा था किन्तु इस निर्देश का पालन नहीं किया गया।

यह आदेश जस्टिस मनोज मिश्र ने लक्ष्मीचन्द्र व दर्जनों अवमानना याचिकाओं पर अधिवक्ता पंकज श्रीवास्तव को सुनने के बाद दिया है। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में पुत्तीलाल केस में प्रदेश में वन विभाग में कार्यरत दैनिक कर्मियों की वरिष्ठता सूची तैयार कर सेवा विनियमित करने का आदेश दिया। जो वरिष्ठता सूची बनायी गयी उसमें व्यापक गड़बड़ी की गयी थी। 2009 में न्यायलय ने सूची को रद कर नये सिरे से सूची बनाने का आदेश दिया। इसके बाद तैयार वरिष्ठता सूची में बाहरी व मरे लोगों को तो शामिल किया गया किंतु कार्यरत कर्मियों को शामिल नहीं किया गया। इस पर आपत्ति के बाद कोर्ट ने 2010 में अवमानना याचिका पर प्रमुख वन संरक्षक से हलफनामा मांगा कि क्या 70 जिला वन अधिकारियों के हलफनामें सही हैं। इस आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी किंतु बाद में 20 फरवरी 16 को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इसका पालन अभी तक नहीं किया गया। कोर्ट ने पुन: जवाब दाखिल करने का अवसर देते हुए सुनवाई की अगली तिथि 25 अप्रैल नियत की है।